पटना। लोक सभा चुनावों की रणभेड़ी बज चुकी है और ऐसे में दरधा नदी के किनारे बसा बिहार का जहानाबाद लोकसभा सीट हमेशा की तरह एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है।
बात अगर एनडीए की बात करें तो वर्तमान में यह सीट जदयू के पास है। क्योंकि जिस तरह एन डी ए से चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया ने इस सीट पर अपनी तैयारी की है और जनता का जिस तरह से समर्थन मिल रही है, वो चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया की दावेदारी को पुख्ता करती है।
जहानाबाद , अरवल, कुर्था, घोषी, मखदुमपुर, अतरी विधान सभा वाली जहानाबाद लोकसभा सीट पर हमेशा आमने-सामने की लड़ाई होती रही है। इस बार भी यह देखने को मिलेगी। लेकिन बात करें एन डी ए की तो यहां से भाजपा और जनसंघ से जुड़े चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया खूब जोर आजमाईश कर रहे हैं।
चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया गांव चेया, पोस्ट रिउला, थाना अतरी, गया के निवासी हैं और उनके पिता स्मृतिशेष राम किशोर सिंह हैं। शिक्षा स्नातक तक की है। साल 2014 और 2019 में वे जहानाबाद के प्रत्याशी सह पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार के चुनाव प्रभारी के रूप में काम किया। इसके बाद भारतीय सबलोग पार्टी के पूर्व युवा राष्ट्र अध्यक्ष रहे और वजीरगंज विधान सभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं।
चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया के दादा सियाराम सिंह जी सन 1962 ई . में अतरी विधान सभा से स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं, जिसके संस्थपक सी राजगोपालाचारी थे। राजनीति उनकी घरों के चौखट के अंदर धंसी हुई है। जनता के लिए काम करने का जुनून उन्हें अपने पूर्वजों से मिला है और अब भाजपा के लिए चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं। इसका मकसद वे जहानाबाद के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने और भाजपा की नीतियों के अनुरूप विकसित भारत के मुहीम से जोड़ना है।
चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया आम लोगों के साथ मिलकर कार्य करते रहे हैं। चाहे वो विकास कार्य हों या किसी का कोई कार्य, जहानाबाद में आज एक ही इन्सान दिखता है, जिसमें लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिपाही की छवि देखते हैं और आम लोग भी उन्हें लोकसभा में देखना चाहते हैं।इसलिए कहा जा रहा है कि बीजेपी इस सीट के लिए जोड़ लगा सकती है।
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