बिजली गुल होने से लालटेन व लैंप का लेना पड़ा सहारा

मधुबनी(गोपाल कुमार)। यास तूफान से भले ही लोगो को तेज हवा या बारिश से परेशानी हुई हो या नहीं। इस दौरान प्रखंड की विद्युत व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। गुरुवार से लेकर शुक्रवार की दोपहर तक प्रखंड मुख्यालय सहित गांव का प्राय: हर भाग अंधेरे में डूबा रहा। ग्रामीण इलाको में दो दिनों से बिजली नहीं रहने से गरीब लोगो के लिए लालटेन एक बार फिर से रौशनी का सहारा बन गया। तेज बारिश एवं तेज हवा के कारण विद्युत विभाग ने दो दिनों से विद्युत आपूर्ति सेवा ठप कर रखा है। लगातार 36 घंटो से खुटौना में लाखो उपभोक्ताओं को बिजली नसीब नहीं हुई है।

खुटौना पहाड़ीटोल में एक छात्रा लालटेन जला कर पढ़ाई करते हुए।
खुटौना पहाड़ीटोल में एक छात्रा लालटेन जला कर पढ़ाई करते हुए।

इन्वर्टर जवाब देने पर लोगो ने घरों में पड़े पुराने लालटेन व लैंप को निकाल लिया। सबों के लिए केरोसीन की उपलब्धता सुनिश्चित नही रहने के कारण लोगो ने विभिन्न जगहों से केरोसीन तेल उपलब्ध किया और प्रकाश जलाकर समय बिताया। मोबाइल चार्जिंग के लिए लोग भटकते देखे गए। बाजार से लेकर गांव कस्बों तक अंधेरे का साम्राज्य कायम रहा। रात ऐसी भयावह की लोगो में अंजाने आशंका से बुरा हाल। कहां किस प्रकार की परेशानी थी यह बताने वाला भी कोई नही।

बिजली गुल रहने के कारण सबसे अधिक परेशानी लोगो को पानी को लेकर हुई। न तो पीने के लिए पानी बचा न अन्य काम के लिए पानी मिला। बिजली का लाइन नही रहने व उपर से मुहल्ला में बारिश का पानी लग जाने के कारण परेशानी हुई। सतेंद्र सिंह ने बताया की पानी को लेकर चापाकल का सहारा था। लेकिन पानी लग जाने के कारण चापाकल भी आधे से ज्यादा डूब गया था। जिससे पानी लेना सही नही था।