औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार में वैश्य समाज के बड़े नेताओं ने औरंगाबाद में एक बड़ा ऐलान कर राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
नेताओं ने हुंकार भरते हुए कहा कि जिस तरह देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर वैश्य का बेटा बैठा है। 2024 के चुनाव में भी पीएम की कुर्सी पर वैश्य समाज का बेटा ही बैठेगा। साथ ही बिहार में भी 2025 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वैश्य का बेटा ही बैठेगा। वैश्य समाज के नेताओं ने रविवार को औरंगाबाद के गांधी मैदान में राष्ट्रीय वैश्य महासभा के बैनर तले आयोजित वैश्य समागम में एक सुर में कहा कि वैश्य समाज जागरूक समाज है। समाज में राजनीतिक रूप से जागरूकता आई है। समाज के लोगों ने राजनीति में भी मजबूती के साथ कदम बढ़ाएं है। समाज अब किसी दल का बंधुआ नही है। समाज को आबादी के अनुरूप राजनीति में हिस्सेदारी चाहिए और समाज इसे लेकर रहेगा। समाज को अपनी ताकत को पहचानने की जरूरत है। वैश्य समाज में इतनी ताकत है कि बिहार में हम अपने समाज का मुख्यमंत्री बना सकते है। इस पर समाज काम कर रहा है और 2025 में बिहार का अगला मुख्यमंत्री वैश्य समाज का ही होगा। इसके लिए राष्ट्रीय वैश्य महासभा वैश्य समाज की सभी 56 उप जातियों को एकजुट करने में लगा है। वैश्य समागम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने दलीय बाध्यता के कारण खुलकर नही बोलते हुए कहा कि वैश्य समाज में अपार क्षमता है। यह क्षमतावान समाज है। इस समाज में इतनी क्षमता है कि वह जो चाहे कर सकता है। समाज में दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। समाज को राजनीतिक रूप से अभी और जागरूक होने की जरुरत है। राजनीतिक रूप से जागरुक और एकजुट होने से ही वैश्य समाज के सभी उदेश्य पूरे होंगे। उन्होने कहा कि समाज को आगे बढ़ने की जरूरत है। पीछे देखने और पिछलग्गु बनने की नही बल्कि अपने समाज के साथ ही सर्व समाज को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। ऐसा करने से समाज का हर राजनीतिक उदेश्य पूरा होकर रहेगा।
बिहार में बने वैश्य आयोग–
वैश्य समागम को संबोधित करते हुए मोरवां के विधायक रणविजय साहु ने कहा कि वैश्य समाज किसी राजनीतिक पार्टी का बंधुआ नही है। देश और राज्य के विकास में सबसे ज्यादा योगदान देने के बावजूद यह समाज उपेक्षित है। हम जिंदा कौम है। जिंदा कौम अपने पुरखों को याद रखती है। हमारे ही पुरखे के चंद्रगुप्त ने शासन किया था, जिसे इतिहास में स्वर्ण युग कहा जाता है। कहा कि समाज वे पिछड़़ेपन को दूर करने के लिए बिहार में वैश्य आयोग गठित करने की जरूरत है। वें राज्य सरकार से यह मांग करते है कि जल्द ही यहां वैश्य आयोग गठित करे।
पहले नेता बनाते थे अब नेता बनने को तैयार–
कार्यक्रम को संबोधित करती हुई शेरघाटी की विधायक मंजू अग्रवाल ने कहा कि वैश्य समाज पहले नेता बनाने में विश्वास रखता था। इस विश्वास के कारण समाज के साथ छल होता रहा। अब ऐसा नही होगा। अब समाज नेता बनाने के लिए नही बल्कि नेता बनने को तैयार है। वही नोखा के पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसियां ने कहा कि वैश्य समाज अब लगातार एकजुट हो रहा है। यह एकजुटता बनी रहनी चाहिए। एकजुटता के बदौलत ही आनेवाले समय में वैश्य समाज क व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय वैश्य महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पीके चौधरी ने कहा कि महासभा 56 उप जातियों में बंटे वैश्य समाज को एकजुट करने में लगा है। हम उप जाति को वर्ग बनाने में जुटे है। इसमें लगातार सफलता मिल रही है। वही महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह एलजेपीआर के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ. प्रकाश चंद्रा ने कहा कि महासभा वैश्य समाज के सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। वें इस लड़ाई के अग्रिम पंक्ति के सिपाही है। समाज के सिपाही के रूप में वें समाज को निरंतर जागरूक करने में लगे है। कार्यक्रम का संचालन दिलीप कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जितेंद्र गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में झारखंड के मेदिनीनगर नगर निगम की महापौर अरूणा शंकर, राजद नेता विनय प्रसाद, देव के समाजसेवी लक्षमण गुप्ता, गोलू कुमार, औरंगाबाद नप के मुख्य पार्षद उदय गुप्ता, रंजय अग्रहरि, राहुल राज, लक्ष्मी गुप्ता, शिव गुप्ता, कन्हैया लाल जैन, राकेश गुप्ता, शिव दयाल गुप्ता समेत वैश्य समाज के हजारो लोग मौजूद रहे।