औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक बोर्ड परीक्षा-2023 की स्टेट टॉपर-10 अंकिता कुमारी औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड के सत्येंद्र नारायण सिंह(एसएनएस) हाई स्कूल की छात्रा रही है। इस परीक्षा में उसे कुल 476 अंक मिले है।
अंकिता रोहतास जिले के दरिहट गांव की निवासी है और उसके चाचा रूकेंद्र कुमार सुबे एसएनएस हाई स्कूल, नबीनगर रोड में शिक्षक है। चाचा के स्कूल से ही अंकिता ने नौवीं-दसवीं की पढ़ाई की है। वह चाचा के साथ ही घर से पढ़ाई करने स्कूल आती थी। उसके पिता बिक्रम कुमार सुबे रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड में राजकीय मध्य विद्यालय, मथुरापुर(डालमियानगर) में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। उसकी मां रेणु कुमारी स्नातक पास है और गृहिणी है। अंकिता तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है। उसकी बड़ी बहन अंशु कुमारी साइंस की छात्रा है। अभी हाल ही में बीएसइबी की इंटर साइंस की परीक्षा में अंशु ने 86.2 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता का बड़ा भाई अंकित कुमार शुभम गणित विषय से इंटर विज्ञान का 11वीं का सीबीएसई बोर्ड के स्कूल का छात्र है। उसने सीबीएसई के 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता को पढ़ाई करने में उसकी बड़ी बहन व भाई ने सहयोग किया है। दोनों उसके मेंटर सरीखे है। अंकिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है। इसी उदेश्य से वह मैट्रिक बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के पहले ही राजस्थान के कोटा के एक नामी कोचिंग में एडमिशन लेने अपने माता-पिता के साथ वहां पहुंची हुई है। कोटा में ही माता-पिता को जानकारी मिली कि उनकी बेटी अंकिता बिहार मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में राज्यभर में 10वें स्थान पर आई है।
उनके जानने वालों, परिजनो और शुभेच्छुओं ने उन्हे तथा अंकिता को फोन कर बधाई दी। माता-पिता ने भी कोटा में ही मिठाई खरीदी और अपनी बेटी का मुंह मीठा कराकर सफलता की बधाई दी। बेटी की सफलता से अंकिता के माता-पिता बेहद खुश है। वें कहते है कि अपनी बेटी के सपने के साथ है। बेटी ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का जो सपना देखा है, उसी सपने को पूरा कराने की चाह में ही तो वें कोटा में बेटी का एडमिशन कराने आए है। कहा कि बेटी की चाह ही उनकी चाहत है। उन्हे पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी जेइई की परीक्षा में सफल होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जरूर बनेगी। वह अंकिता ने बताया कि वह अपने ड्रीम को पूरा करने का इरादा लेकर कोचिंग में एडमिशन लेने कोटा आई है। यही मैथ्स से इंटर साइंस की पढ़ाई कोचिंग करते हुए करेगी। कहा कि जिद और जुनून के रूप में ठान लेने पर कुछ भी संभव है और वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर ही दम लेगी। उसने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, चाचा, बड़ी बहन, भाई और शिक्षक अजय सर, राजेंद्र राम एवं रूकेंद्र सुबे(चाचा) को देतें हुए कहा कि सबने मुझे अच्छे से गाईड किया है। सबके गाइडेंस ने ही उसे सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाया है। आगे भी वह अपने इरादे को परवान चढ़ाएंगी और सफलता का झंडा बुलंद करेगी।