बिहार के अभियंत्रण महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक 1376 पद सहित लगभग 3000 पदों पर होगी नियमित नियुक्ति : सुमित कुमार सिंह

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बिहार के अभियंत्रण महाविद्यालयों में 1376 प्राध्यापक सहित 3000 पदों पर नियमित नियुक्ति करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी सूबे के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत सात अभियंत्रण महाविद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित विश्व बैंक संपोषित परियोजना तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के तृतीय चरण के अंतर्गत राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एकक द्वारा चयनित एवं अस्थाई इंगेजमेंट के रूप में नियोजित सहायक प्राध्यापकों की सेवा को प्राप्त करने के लिए परियोजना समाप्ति की तिथि 31 मार्च 2021 के पश्चात पूर्व से जारी शर्त के अधीन दिनांक 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक अथवा अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए सहायक अध्यापक के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो राज्य योजना के अधीन पर योजना की अवधि विस्तार किए जाने हेतु अत्यंत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि उक्त योजना अंतर्गत चयनित राज्य के सात अभियंत्रण महाविद्यालय यथा एमआईटी मुजफ्फरपुर बीसीई भागलपुर मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय दरभंगा अभियंत्रण महाविद्यालय गया अभियंत्रण महाविद्यालय नालंदा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग चंडी एवं लोक नायक जयप्रकाश प्रौद्योगिकी संस्थान छपरा है। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम पर योजना का मुख्य उद्देश्य है संस्थानों के प्रयोगशाला कार्यशाला पुस्तकालय आदि का आधुनिकीकरण किया जाना संस्थानों की गुणवत्ता को वैश्विक स्तर पर लाए जाने के लिए संचालित पाठ्यक्रमों का अनिवार्य एक्रीडिटेशन नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन से कराया जाना ताकि एक्रीडिटेशन के बाद संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा सके।

उक्त परियोजना से आच्छादित तीन संस्थानों एमआईटी मुजफ्फरपुर बीसीई भागलपुर तथा नालंदा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग चंडी में एमटेक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम तृतीय चरण के लिए चयनित संस्थानों में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एवं राज्य सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के आधार पर राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एकक द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आवेदन प्राप्त कर अन्य राज्यों सहित बिहार राज्य के लिए 3 वर्ष अथवा परियोजना समाप्ति की तिथि जो भी पहले हो तक के लिए प्रतिमाह ₹70000 मानदेय गुणवत्ता के आधार पर 3 फ़ीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ के आधार पर बिहार राज्य अंतर्गत अच्छादित सात अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए कुल 216 सहायक प्राध्यापक उपलब्ध कराया गया।

इनके मानदेय पर होने वाले शत प्रतिशत व्यय का वहन परियोजना अंतर्गत केंद्र सरकार के द्वारा किया जा रहा था वर्तमान में इनमें से 198 सहायक अध्यापक कार्यरत है दिनांक 31 मार्च 2021 को समाप्त हो जाने के पश्चात राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एकक द्वारा चयनित एवं अस्थाई इंगेजमेंट के रूप में कार्यरत 198 सहायक अध्यापकों की सेवा 31 मार्च 2022 तक अथवा अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए सहायक प्राध्यापक के स्वीकृत पद पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो राज्य योजना के अधीन पर योजना की अवधि का विस्तार किया गया है संप्रति इन शिक्षकों के मानदेय पर आने वाले कुल व्यय 1805.76करोड़ ₹ का व्यय राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा उक्त शिक्षकों की सेवा जारी रखने के फल स्वरुप तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम तृतीय चरण में प्राप्त उपलब्धियों की निरंतरता आगे जारी रहेगी। राज्य के अभियंत्रण महाविद्यालय में सहायक अध्यापक के रिक्त 1376 पद सहित लगभग 3000 पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए भी बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना प्रेषित है नियमित नियुक्ति में भी इन शिक्षकों को प्रति वर्ष 5 अंक अधिकतम 25 अंक अधिमान्यता के रूप में दिए जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जा चुका है।