जानें-खुदाई में कहां निकली तथागत की तस्वीर उकेरी अति प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। शहर के सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में कॉमर्स भवन के निर्माण के दौरान नींव की खुदाई में पंचमुखी शिवलिंग मिला है। शिवलिंग काले और भूरे रंग की मिश्रित पत्थर से पूरी नक्काशी के साथ बनी हुई है। शिवलिंग को काॅलेज में सुरक्षित रखा गया है।

भवन निर्माण मे लगे संवेदक ने बताया कि पाइलिंग के लिए होल किये जाने के वक्त जमीन से लगभग चार फीट नीचे मशीन का ब्लेड टकराया और ऐसा लगा कि कोई बड़ा पत्थर शायद नीचे दबा हो। जब लोहे की खंती से खोदा जाने लगा तो एक फुट ऊंची पंचमुखी शिवलिंग प्राप्त हुई। इसकी सूचना प्राचार्य डॉ वेदप्रकाश चतुर्वेदी को दी गयी। प्राचार्य ने बताया कि भवन निर्माण के लिए किए जा रहे खुदाई के क्रम में एक शिवलिंग प्राप्ति हुआ है जो एक विशेष चमकीली धातु की बनी है। कहा कि उन्हे ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि प्राचीन काल मे इस जगह पर टेकारी महाराज का कार्यालय था।यहां राजस्व वसूली को लेकर उनके कर्मी रहा करते थे। संभव है कि यह प्रतिमा उनके द्वारा स्थापित की गई हो जो कालांतर में दब गई हो। मूर्ति के निर्माण की कारीगरी एवं इसकी भव्यता शायद इतिहास के कई पन्नों को खोले, यह शोध का विषय है।

कहा कि प्राप्त मूर्ति की वास्तविकता की जानकारी के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क किया जाएगा। इधर पंचमुखी शिवलिंग मिलने को लोग इसे सूर्य मंदिर के कालखंड से भी जोड़कर देख रहे है। वही कुछ लोग यह भी चर्चा करते नजर आ रहें हैं कि पंचमुखी शिवलिंग में उकेरी गई पांच आकृतियां तथागत की है, जो शाक्य वंश से जुड़ी कई अनकहे और अनगढ़े इतिहास के परत को खोल सकती है। अब लोगों की निगाहें पुरातत्व के जानकारों पर टिकी है जो इस मूर्ति की वास्तविकता से अवगत कराएंगे।