सुक्ष्म ऋण लेकर स्वरोजगार करने वाली महिलाओं ने कार्यशाला में शेयर किए अनुभव, कहा-लोन का सही इस्तेमाल कर बने आत्मनिर्भर

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पखवारा के तहत स्वयंसेवी संस्था ‘प्राण’ द्वारा शुक्रवार को शहर के एक होटल के सभागार में वार्षिक कार्यशाला सह महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन आईआइएफएल समस्ता फाइनेंस लिमिटेड के सीनियर जोनल हेड अभिषेक सिंह भार्गव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर उन्होने कहा कि आईआइएफएल समस्ता फाइनेंस बिहार-झारखंड समेत देश के 22 राज्यों में स्मॉल एंड माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी की देशभर में 200 से अधिक शाखाएं है और औरंगाबाद, रफीगंज तथा दाउदनगर में भी हमारी शाखा ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को माइक्रो फाइनेंस के माध्यम से स्वावलंबी बना रही है।

कहा कि कंपनी कारपोरेट सामाजिक उतरदायित्व(सीएसआर) निर्वहन में भी अग्रणी है। इसके तहत कंपनी स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाती है। इसके तहत औरंगाबाद, दाउदनगर और रफीगंज प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में भी स्वयंसेवी संस्था ‘प्राण’ द्वारा गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बकरी पालन, सिलाई, मशरूम उत्पादन एवं अन्य तरह का रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को रोजगार करने के लिए उनकी कंपनी द्वारा माइक्रो फाइनेंस के तहत ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। ऋण लेकर इस क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं स्वरोजगार कर स्वावलंबी बन रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी उन्ही जरूरतमंद महिलाओं को ऋण देती है, जो स्वरोजगार की इच्छुक होती है। ऋण की चुकौती के लिए लोनी महिलाओं को कंपनी के ऑफिस में नही आना पड़ता है बल्कि कंपनी के कार्यकर्ता हर महीने में 15-15 दिन पर लाभुक के घर पर पहुंचकर लोन की किश्त का भुगतान लिया करते है। हमारी कंपनी की लोन री-पेमेंट प्रक्रिया बेहद सुगम और सरल है। इस कारण ऋण लेने के बाद इसे चुकाने में ऋणी महिलाओं को कोई परेशानी नही होती है।

कार्यक्रम में प्राण संस्था के मुख्य कार्यकर्ता अनिल कुमार वर्मा ने कहा कि आईआइएफएल समस्ता के वित्तीय सहयोग से संस्था ने रफीगंज, औरंगाबाद और दाउदनगर प्रखंड के विभिन्न गांवों में लगभग 400 महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संस्था ने ग्रामीण गरीब महिलाओं को मशरूम की खेती, बकरी पालन, किराना दुकान, सब्जी ठेला, सिलाई-कढ़ाई एवं अन्य स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। कार्यशाला में संस्था से सिलाई का प्रशिक्षण पूरा करनेवाली महिलाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। साथ ही स्वरोजगार कर रही महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पुरष्कृत कर मनोबल बढ़ाया गया। इस दौरान माइक्रो लोन लेकर स्वावलंबी बनी कई महिलाओं ने अपने अनुभव भी शेयर किए। साथ ही अन्य महिलाओं से भी माइक्रों लोन लेकर स्वरोजगार कर स्वावलंबी बनन की अपील की। कार्यक्रम में आरपीसीएयू पूसा के प्रो. रत्नेश कुमार झा, कृषि विज्ञान केंद्र औरंगाबाद के सीनियर साइंटिस्ट एवं हेड डॉ. विनय कुमार मंडल एवं जीविका के लाइवली हुड मैनेजर मधुरेंद्र ने भी महिलाओं का उत्साहवर्द्धन किया। इस मौके पर समस्ता फाइनेंस के कार्यकर्ता, प्राण संस्था के कार्यकर्ता, रफीगंज, दाउदनगर और औरंगाबाद प्रखंड के विभिन्न गांवों की 200 से अधिक ग्रामीण महिलाएं मौजूद रही।