पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। हम समाजवादी लोग हैं। हमें सबको साथ लेकर चलना होगा। राज्य और समाज के हित में राजनीतिक संवाद होना चाहिए। संत रविदास मध्यकालीन जागरण के संतों और कवियों में अग्रणी थे। संत रविदास की जयंती पर सबसे बड़ा काम होगा दलित समाज में जागृति का संकल्प लेना।
उक्त बातें बिहार विधान परिषद के उप सभापति डा.रामचंद्र पूर्वे ने कहीं। मौका था कबीर के लोग की ओर से जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संत गुरु रविदास की प्रासंगिकता’ विषय पर संगोष्ठी के आयोजन का।
आइआइएम, बेगलुरू के प्रो. त्रिलोचन शास्त्री ने कहा कि चुनाव में काले धन का प्रयोग बंद हो। स्वच्छ छवि के लोग रहें इसके लिए जनता को आगे आना होगा। हमें अपने अधिकारों के हनन के खिलाफ खुद आवाज उठानी होगी। अगर हमें यही नहीं मालूम कि हमारे अधिकार क्या हैं तो हम उसकी रक्षा कैसे करेंगे।
बिहार विधान परिषद के सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. संजय पासवान ने कहा कि हमें विवाद नहीं बल्कि संवाद की प्रक्रिया के तहत विभिन्न दलों के लोगों को बुलाकर कम से कम चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संत रैदास ने कहा था सबको मिले अन्न सब रहे प्रसन्न। आज धन की प्रबलता हो गई है। राजनीति में भी धनबल प्रभावी हो गया है। पहले इसमें बाहुबल प्रभावी था। उन्होंने कहा कि रैदास जी ने मनोबली को आगे लाने का काम किया था।
जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि संत रविदास ने सत्य और प्रेम को स्थापित किया।
मानव जाति कैसे एक सुखद स्वरूप को प्राप्त करें यह चिंता रविदास को थी। समाज में जो छोटे छोटे आंदोलन और अभियानों को चलाने वालें लोगों को सहारा देना चाहिए। ताकि बड़े आंदोलन की दिशा भी सही ढंग से चल सकें।
धन्यवाद ज्ञापन जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक नरेंद्र पाठक ने किया। इस मौके पर ई. राजेन्द्र प्रसाद और डा. मुंशी प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान, गजेन्द्र मांझी, विद्यानन्द राम, भजन गायक कामता दास, अजय समेत कई लोग उपस्थित हुए।