औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सफर है लम्बा, मंजिल है दूर पर इरादे है बुलंद। आंधी में भी चिराग जलाने जैसे बुलंद। इरादा भी खास पैदल चलकर ऐन रामनवमी के दिन काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने का। बीच में लीलाधर कृष्ण की भी पूजा करने का। उदेश्य भी बड़ा पवित्र निज कल्याण नही बल्कि झारखंड और देश की उन्नति तथा कल्याण। इसी इरादे और उदेश्य को लेकर झारखंड के टाटानगर यानी जमशेदपुर के गोल पहाड़ी के युवा शिवम् पटेल चल पड़े है। एक राज्य यानी अपने गृह राज्य झारखंड को पैदल चलते हुए पार कर चुके है।
बिहार में प्रवेश कर गये है। गया जिला पार कर औरंगाबाद आ गये है। दोपहर बाद औरंगाबाद में एनएच-19 पर भेड़िया गांव के पास पीठ पर लादे बैग पर अपने इरादों का पंपलेट चिपकाएं और हाथों में तिरंगा लेकर पैदल चल रहे इस शख्सियत से मुलाकात हो गयी। मुलाकात हुई तो बाते हुई। अपने इरादे बताएं। कहा कि 15 मार्च से यात्रा शुरू की है। जेब में मात्र तीन हजार रूपये लेकर चले है। एक राज्य पार कर गये है। दूसरे राज्य बिहार में एक जिला गया पार कर चुके है। दोपहर बाद औरंगाबाद में है। देर शाम तक औरंगाबाद पार कर रोहतास जिले में प्रवेश कर जाएंगे। वही कही विश्राम करेंगे। कहा कि जेब में तीन हजार है लेकिन अबतक एक चवन्नी भी खर्च नही हुआ है।
रास्ते में लोग मिल रहे है। उनके इरादे को जानने पर उन्हे भोजन भी करा रहे है। रात्रि विश्राम का भी प्रबंध कर दे रहे है। इसी तरह उनकी यह पदयात्रा चल रही है। उनकी पदयात्रा रामनवमी के दिन काशी विश्वनाथ की पूजा अर्चना कर समाप्त होगी। इसके पहले वृंदावन जाएंगे। तब काशी आएंगे। उनकी यह पदयात्रा करीब 1300 किमी. की है। यात्रा का उदेश्य विश्व कल्याण एवं झारखंड का कल्याण है। इसी उदेश्य को लेकर प्रभु की कृपा से वें इस यात्रा पर है। यात्रा निर्बाध चल रही है। अबतक कही से कोई परेशानी सामने नही आई है।