राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। पूरा देश आज लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मना रहा है। देश की आजादी में सरदार वल्लभभाई पटेल की अहम भूमिका थी। उन्होंने देश की आजादी में पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में अहम भूमिका निभाई थी। यही कारण है कि वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आज के इस खास मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने रविवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए कहा कि देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है। राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सरदार पटेल के चित्र के समक्ष उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पूर्व सुबह राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने पटेल चौक जाकर भी सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा, “लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है। नैतिकता पर आधारित कार्य-संस्कृति की स्थापना तथा राष्ट्र-सेवा के लिए देशवासी सरदार पटेल के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे।”

उपराष्ट्रपति ने किया नमन

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को राष्ट्रीय एकता दिवस पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल से प्रेरणा लेकर देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को मजबूत करने और भूख, असमानता, गरीबी और भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी 147वीं जयंती पर नमन करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने ट्वीट कर कहा, मैं जिस नेता की सबसे अधिक प्रशंसा करता हूं, ऐसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज जयंती है। मैं उनके सम्मान में अपना सिर झुकाता हूं। वह हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक महान व्यक्ति थे। वह किसानों के लिए एक मसीहा, एक बुद्धिमान राजनेता, उत्कृष्ट आयोजक और ज्ञान के प्रतीक थे।

उन्होंने आगे कहा, सरदार पटेल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्र को प्रेरित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। 560 से अधिक रियासतों के शांतिपूर्ण एकीकरण के विनम्र कार्य को पूरा किया और सिविल सेवाओं की स्थापना करके देश में मजबूत प्रशासन की नींव रखी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज जब हम सरदार पटेल की विरासत का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते हैं, तो आइए हम इस प्रतिष्ठित व्यक्तित्व से प्रेरणा लें और देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को मजबूत करने और भूख, असमानता, गरीबी और भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में काम करें।

उन्होंने सरदार पटेल के कथन का उल्लेख करते हुए कहा, “एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से संगठित और एकजुट ना किया जाए… और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।” उन्होंने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की प्रेरणा देने वाले, आधुनिक भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उनकी पावन स्मृति को कृतज्ञ प्रणाम!

अखंड भाव के प्रतीक हैं सरदार पटेल: पीएम मोदी

आज के इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ”एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जिसने जीवन का हर पल समर्पित किया. ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है. सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं बल्कि हम देशवासियों के हृदय में भी हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, ‘’आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं। ये भावना देश के कोने-कोने में हो रही, राष्ट्रीय एकता परेड में, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हो रहे आयोजनों में भली भांति देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘’धरती के जिस भूभाग पर हम 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, सपनों, आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है। सैकड़ों वर्षों से भारत के समाज, परंपराओं से लोकतंत्र की जो मजबूत बुनियाद विकसित हुई उसने एक भारत की भावना को समृद्ध किया है।’’

गृह मंत्री अमित शाह ने किया नमन

इस मौके पर आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुजरात के केवड़िया में ‘Statue of Unity’ पर जाकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने कहा, “सरदार पटेल का जीवन सभी को प्रेरणा देता है। उनका जीवन हमें बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, लौह नेतृत्व और अदम्य राष्ट्रप्रेम से देश के भीतर की सभी विविधताओं को एकता में बदल कर एक अखंड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है। सरदार साहब ने देश के एकीकरण के साथ आजाद भारत की प्रशासनिक नींव रखने का भी काम किया।’’

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