देव में श्रद्धालुओं के हठ के आगे झुका प्रशासन, सूर्यकुंड का खुला गेट

हजारों छठ व्रतियों ने दिया अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के खतरें को लेकर लोक आस्था के महापर्व कार्तिक छठ के दौरान कुष्ठ निवारक पवित्र सूर्यकुंड में छठ व्रतियों के अर्ध्य देने पर रोक की ऐसी की तैसी हो गयी। शुक्रवार को दोपहर में सूर्यकुंड परिसर के पास धीरे-धीरे श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा।

सूर्यकुंड में अर्ध्य देने पर रोक को लेकर श्रद्धालु एवं छठ व्रती आक्रोशित होने लगे। लोगों का जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा। इस बीच देव के बीडीओ सूर्यकुंड के द्वार पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही छठ व्रतियों एवं श्रद्वालुओं का बड़ा समूह उलझ सा पड़ा।

छठ व्रतियों के परिजनों ने यह तक कह दिया कि यदि एक घंटे के अंदर गेट नहीं खुला तो ताला तोड़ देंगे। नोक झोक के दौरान लोगो ने कहा कि चुनाव के दौरान नेताओं की रैलियों में भीड़ लगाने की रोक नही रही और छठ जैसे महान पर्व पर कोरोना के बहाने इस तरह की रोक को हम बर्दाश्त नही करेंगे। चाहे जो भी हो हम सूर्यकुंड में
अर्ध्य देकर ही यहां से वापस लौटेंगे।

हम में से कईयों ने मन्नत मान रखी है। हमारी मन्नतें पूरी हुई है, तभी हम यहां आये है। कोरोना के बहाने धार्मिक कर्मकांड पर रोक लगाना अनुचित है।

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कुछ ऐसा ही आक्रोश स्थानीय लोगों के बीच भी दिखा। अरवल-आरा और अन्य जिलों से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि चुनाव के दौरान भी कोरोना था फिर भी चुनाव कराया गया तो देव सूर्यकुंड में पूजा-अर्चना क्यों नहीं हो सकती। उनका कहना था कि हमलोग हजारों रुपए ख़र्च कर यहां आए हैं।

पटना में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटी हुई है। वहां कोई रोक नहीं है, फिर औरंगाबाद प्रशासन ने प्रतिबंध क्यों लगा रखा है। श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों के हठ के बीच औरंगाबाद से एसडीओ, एसडीपीओ, डीटीओ एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी देव पहुंचे। लोगों से बात की। जिला प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच बातें हुई।

अंततः शासन प्रशासन को श्रद्धालुओं के आक्रोश और हठ के आगे झुकना पड़ा। दोपहर बाद प्रशासन ने सूर्यकुंड का गेट खोला। श्रद्धालु एवं छठ व्रती छोटे-छोटे समूह में सूर्यकुंड पर गये और कम समय में सूर्य को अर्ध्य देना शुरु किया।

मध्याचल सूर्य को अर्ध्य देने से शुरू हुआ यह सिलसिला अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य देने तक जारी रहा। अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य देने के बाद व्रती अब शनिवार की सुबह उदयाचल सूर्य को अर्ध्य देंगे।

एक अनुमान के मुताबिक देव में करीब 50 हजार छठ व्रतियों ने सूर्य को अर्ध्य दिया। शनिवार की सुबह उदयाचल सूर्य को अर्ध्य अर्पण के साथ लोक महापर्व कार्तिक छठ संपन्न हो जाएगा।