दो दबंगों की मूंछ की लड़ाई के शिकार हुए 21 लोग, हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने चलाया अतिक्रगण मुक्ति का बुलडोजर, हुए बेघर

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मूंछ की लड़ाई में लोग अपना तो नुकसान कर ही डालते है। साथ ही चाहे अनचाहे दूसरों का भी भारी नुकसान हो जाता है। मूंछ की लड़ाई में बहुतों को नुकसान होने का एक ताजा मामला औरंगाबाद का हैं।

मामला मदनपुर थाना के एरकी गांव का है। दरअसल मामला यह है कि एरकी गांव में कुछ लोगों ने गांव में गैर मजरुआ जमीन पर बह रहे पईन पर अतिक्रमण कर घर बना लिया। इसी गांव के बासुदेव यादव और बनारसी यादव ने भी पईन का अतिक्रमण किया और घर बना लिया। दोनो के बीच कम-ज्यादा जमीन हथियाने को लेकर पंगा हो गया। फिर बात इतनी बढ़ी कि मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इसी मामले में  हाईकोर्ट के आदेश पर औरंगाबाद ज़िला प्रशासन ने कार्रवाई की। आम गैर मजरूआ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए 21 लोगों का मकान ध्वस्त कर उन्हे बेघर कर दिया। अब हाल यह है कि कड़ाके की सर्दी में बेघर हुए लोग खुले आकाश तले गुजारा करने को मजबूर हैं।जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने मदनपुर के अंचल अधिकारी हिमांशु कुमार और थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा जेसीबी लेकर सैकड़ों पुलिस कर्मियों के साथ एरकी गांव पहुंचे। उन्होने अतिक्रमित भूमि पर बने घर और मकान को तोड़ने की कार्रवाई की।


ये हुए बेघर

प्रशासनिक कार्रवाई में एरकी गांव निवासी सत्येंद्र राम का झोपडीनुमा मकान, रुपन राम, भिखारी राम, कमलेश राम, रामरेखा राम, सुनील ठाकुर, बासुदेव यादव, बनारसी यादव, रामगति राम, जदुन राम, रामलेखा राम, प्रहलाद ठाकुर, लक्ष्मण यादव सहित 21 लोगों का मकान तोडा गया।


काफी दिनों से चल रहा था अतिक्रमण का मामला

सीओ हिमांशु कुमार ने बताया कि अतिक्रमण का वाद काफी दिनों से चल रहा था। हाईकोर्ट का आदेश आने पर अतिक्रमण हटाया गया।