जब समाज सुधरेगा तभी जेल में सुधार होगा : रामसूरत राय

पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। ए.एन.सिन्हा संस्थान पटना में कबीर के लोग, बन्दी अधिकार आंदोलन व उद्देश्य भारती के संयुक्त बैनर तले संविधान दिवस के अवसर पर चार विभिन्न विभूतियों को नीलकंठ सम्मान प्रदान किया गया। कार्ययक्र में “जेल सुधार और सुधारात्मक न्याय” पर विमर्श में बोलते हुए मुख्य अतिथि विधि व राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि जब समाज सुधरेगा, तब जेल में भी सुधार होगा। उसके पहले स्वयं में सुधार लाना होगा। जेल में सुधार के लिए जो भी विधि में सुधार की जरूरत होगी, हमलोग करेंगे। सरकार की प्राथमिकता जनता की भलाई और कानूनों को सकारात्मक रुप प्रदान करना है।

कार्यक्रम में अपने विचार रखते मंत्री रामसूरत राय।

बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन, हाजीपुर के निदेशक नीरज कुमार झा ने कहा कि बिहार के जेल अनूठे प्रयोग करने में अव्वल है। हर जेल में इग्नू के अध्ययन केंद्र खुले है और कैदी पढ़ रहे है। जेल में बंद महिलाओं के बच्चों के जन्म दिवस हम केक काट के मनाते है। हम जेलो को सरकार के सिद्धांतों के अनुसार आदर्श केंद्र बना रहे है। नीरज झा ने मंत्री से निवेदन किया कि जेलो में बंद उम्रदराज लोगो को और बेहतर आश्रय दिया जाए।

बन्दी अधिकार आंदोलन के संयोजक संतोष उपाध्यय ने कहा कि गांधी और अहिंसा के देश मे जेलो में कैदियो के साथ पाशविक व्यवहार हो रहा है। श्री उपाध्यय ने मांग किया कि बिहार सरकार में पूर्णकालिक कारा मंत्री कोई बने, बक्सर के अलावा अन्य स्थानों पर ओपन जेल खोले जाए। हर जेल में खुले फोन बूथ को कैदियो को मुफ्त अपने परिवार व वकील से बातचीत करने की सुविधा दिया जाए, मुल्ला कमिटी की अनुशंसाएं लागू हो, जेलो में तमाम मानव अधिकार की बहाली हो। नालसा के हेल्पलाइन 15100 हर जेल में शुरू हो ताकि कैदियो को कानूनी सलाह के साथ उनपर हो रहे। अमानवीय अत्याचार की सुनवाई हो सके।

विमर्श की अध्यक्षता करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधान पार्षद प्रोफेसर संजय पासवान ने कहा कि कैदियो के मानवाधिकार की बहाली हो इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच सकारात्मक संवाद जरूरी है।
इस अवसर पर बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के तीन विभूतियों -हिंदुस्तान अखबार की सविता, राष्ट्रीय सहारा के अवध कुमार, उदय शंकर शर्मा कवि जी व मातृ स्वास्थ्य, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार को नीलकंठ सम्मान प्रदान किया गया। विमर्श का धन्यावाद ज्ञापन प्रोफेसर गुरु प्रकाश ने किया। इस अवसर पर मोहम्मद काशिफ़ यूनुस, तुषारकान्त उपाध्यय, इरफान अहमद फ़ातमी, मंजू शर्मा ,शांतनु कुमार एडवोकेट, विद्यासागर, उमाशंकर, रेशमा, नरेश महतो आदि उपस्थित रहे।