पप्पू यादव की गिरफ्तारी को प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर प्रहार : राजद

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। राजद ने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी को प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर प्रहार करार दिया है।

पार्टी के औरंगाबाद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने कहा कि बिहार में पप्पू यादव द्वारा भाजपा सांसद के खिलाफ एंबुलेंस मामले में आवाज उठाना केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के लोगों को नागवार गुजरा और नीतीश कुमार पर दबाव डालकर पप्पू यादव की गिरफ्तारी लाॅकडाउन उल्लंघन के बहाने में करवाया गया जो काफी निंदनीय है। कहा कि एक ओर जहां राज्य की जनता चिकित्सा के अभाव में दम तोड़ रही है। वही केंद्र और बिहार की सत्ता में बैठे लोग मुकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं। जब किसी राजनीतिक दल का विधायक या कार्यकर्ता सरकार की गतिविधियों का विरोध करता है तो उसका परिणाम पिटाई और जेल होता है। बिहार विधानसभा में जब किसी बिल का विरोध होता है तो विधायकों की पिटाई होती है और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ एंबुलेंस छिपाए रखने का मामला जब प्रकाशित कराया जाता है तो उल्टा पप्पू यादव को भाजपा के इशारे पर जेल में बंद करवाया जाता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश में प्रजातांत्रिक व्यवस्था चरमरा रही है। सरकार में बैठे लोग सत्ता के नशे में चूर होकर विरोधियों को हर मोर्चे पर कुचलने का प्रयास कर रहे हैं।

बिहार की जनता सब देख रही है। जब पूरे देश में वैश्विक महामारी चरम सीमा पर है। देश की जनता दवा, ऑक्सीजन, बेड, चिकित्सक एंबुलेंस के बिना लाचार होकर हजारों की संख्या में रोज दम तोड़ रही हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद के द्वारा गलत ढंग से छिपाए गए एंबुलेंस पर जब पप्पू यादव द्वारा आवाज उठाया जाता है तो बहाना बनाकर पप्पू यादव को भाजपा के इशारे पर नीतीश कुमार गिरफ्तारी का आदेश निर्गत करते हैं। यह नीतीश कुमार की विकृत और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाजपा के इशारे पर नीतीश कुमार की यह घिनौनी हरकत काफी निंदनीय है। इस महामारी में कहीं भी बिहार के सांसद और भाजपा नेता एवं नीतीश जी के मंत्रिमंडल के सहयोगी नजर नहीं आ रहे हैं। जनता भगवान भरोसे है। लाशों को नदियों में बहाया जा रहा हैं। देश में इस तरह की विकट परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी जब देश में दाह संस्कार के लिए सरकार के पास व्यवस्था नहीं रही। दाह संस्कार की राशि बचाने के लिए शव को नदी में प्रवाहित कर दिया जाना काफी निंदनीय है। बिहार सरकार तो सभी मामले में फिसड्डी है। न ही पर्याप्त संख्या में कोविड-19 की जांच हो रही है और न ही सही रिपोर्ट को प्रकाशित किया जा रहा है। राजद की औरंगाबाद जिला इकाई पप्पू यादव की रिहाई की मांग करती है। अगर नीतीश कुमार इसी तरह का भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते रहे तो बिहार की जनता उग्र हो जाएगी और बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग का स्वर गूंजने लगेगा।