परंपरागत खेती करने से ही होगा मानव का कल्याण,प्रकृति को अपनाएं और स्वस्थ जीवन बनाएं : अभ्यानंद

  • मडुआ, मक्का और बाजरा की बीज को संरक्षित कर उपजाए फसल,बाजार हो रही काफी मांग

मदनपुर (औरंगाबाद) (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। परंपरागत तरिके से खेती से ही मानव का कल्याण हो सकता है। आधुनिक ,रासायनिक, हाईब्रिड तकनीक से खेती कर अधिक फसलों का उपज तो ले सकते हैं पर स्वास्थ्य जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। उक्त बातें मदनपुर प्रखंड के महुआवां पंचायत के नेगा विगहा में आयोजित किसान संवाद कार्य क्रम में रविवार को बिहार के पूर्व डीजीपी अभ्यानंद और प्रकृति विशेषज्ञ डाक्टर ऋच्चा बोल रहीं थीं।

किसान संवाद कार्यक्रम का उदघाटन पूर्व डीजीपी अभ्यानंद और उनकी बेटी प्रकृति विशेषज्ञ डाक्टर ऋच्चा,सदर एसडीएम डॉक्टर प्रदीप कुमार,एसडीपीओ अनूप कुमार,प्रखंड प्रमुख रिना देवी ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया,।आए हुए आगन्तुकों को बुके एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व दानिका संगीत संस्थान के निदेशक डाक्टर रविन्द्र कुमार और उनके साथियों ने संगीत और भजन की प्रस्तुति दी।पूर्व डीजीपी अभ्यानंद एवं उनके पुत्री प्रकृति विशेषज्ञ ऋचा रंजन ने बताया कि आज लोग प्रकृति और परंपरा को भुल रहे हैं।भारतीय सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और संस्कार भुलते जा रहे हैं।हमें हजारों साल की खेती करने का अनुभव पूर्वजों ने दिया था।उसे आधुनिकता में बिलुप्त हो गया है। रासायनिक खाद से जमीन की उर्वरा शक्ति ह्रास हो रहा है।

जमीन विषाक्त हो गयी है। इस जमीन में उपजे फसल भी जहरिले हो गये हैं।जिसे हमलोग उपयोग करते हैं और बीमारियों के गिरफ्त पड़ जीवन को नर्क बना दिए हैं।1970 के बाद खेतों में अधिक उपज लेने के लिए अंधाधुंध रासायनिक खादों का इस्तेमाल करने लगे हैं।हाईब्रिड बीजों की परंपरा चल गयी।तब से खाद्य वस्तुओं में गुणवत्ता खत्म हो गया।बीमारियां तेजी से पांव पसारने लगा। धान, गेहूं, मक्का, साग सब्जियां ये सब हाईब्रिड बीजों से उपजाएं जा रहे हैं। अगर बच गया है तो मडुआ, बजरा का बीज हाईब्रिड नहीं हुआ है।इसे हाईब्रिड होने से बचाएं।खान पान में मडुआ, बाजरा को अपनाने का प्रयास करें तभी रोग मुक्त हो जीवन खुशहाल जी सकते।हमारे पूर्वजों ने कहा था जैसा अन्न वैसा मन।

बच्चों का मानसिक विकास जिस तरह होना चाहिए नहीं हो पा रहा है।देसी गाय का दूध,घी में जितना पौष्टिकता है। उतना हाईब्रिड गायों के दूध में नहीं है।जैविक खेती से उपजे अनाजों,साग सब्जियों, मडुआ, ज्वार बाजरा की मांग बाजार में सर्वाधिक है। अच्छी कीमत भी मिलता है।परंपरागत तरीके से खेती करें और घर का बीज का ही बुआई में इस्तेमाल करें।घरों में मिट्टी का कोठिला हुआ करता था।आज लोहे की ड्राम में अनाजों को रखते हैं।कार्यक्रम का आयोजन प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि कुन्दन कुमार सिंह ने किया।

कार्यक्रम में बीडीओ कनिष्क कुमार सिंह, सलैया थाना अध्यक्ष विश्वजीत कुमार, मदनपुर थाना अध्यक्ष पंकज कुमार सैनी, जिला परिषद सदस्य शंकर यादवेंदु, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रफुल्ल कुमार सिंह, प्रिंसिपल श्रीधर कुमार सिंह, भाजपा वार मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, नेगाविगहा उत्क्रमित उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नकुलदेव सिंह, शिक्षक अखिलेश शर्मा, महुआवां पं.समिति सदस्य उमेश रविदास, मदनपुर पं.समिति सदस्या शबनम सुल्ताना आदि थे।