रोहतास। देश में कोई भी आंदोलन बिहार के लोगों की सहभागिता के वगैर सफल नहीं हो सकता। किसान आंदोलन भी तभी सफल होगा जब बिहार के लोगों की सहभागिता होगी। उक्त बातें गुरुवार को जगजीवन स्टेडियम करगहर में संयुक्त किसान मोर्चा के तात्वाधान में आयोजित किसान महापंचायत में अपने सम्बोधन के दौरान राष्ट्रीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कही।
उन्होंने कहा कि देश में किसानों के उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। देश में मोदी सरकार ने किसानों को यह बता कर मंडियों को समाप्त कर दिया है कि देश के किसान अपनी फसलों को उचित मूल्य पर देश में कही भी बेच सकते है। बिहार में नीतीश सरकार ने २००८ में ही मंडियों को समाप्त कर दिया है वाबजूद बिहार में किसानों का धान व गेंहू १६०० रुपये प्रति टिंल ही बीक रहा है जबकि सरकार द्वारा धान की मूल्य प्रति टिंल १८६८ व गेंद की कीमत प्रति टिंल १९७५ रुपये निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के किसान इसी से अंदाजा लगा सकते है कि मंडियों के समाप्त करने से उनको फैदा हुआ है या बिचौलिए को। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी मंडियो को समाप्त कर इसी प्रकार देश कापाेरेट घराने को लाभ पहुंचाना चहती है व देश के किसानों की जमीन पूजिपतियों के हाथों सौपना चाहती है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी राजनीतिक पार्टी की सरकार नही है देश में कम्पनियों की सरकार चल रही है।
उन्होंने बिहार के किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि आप दिल्ली की तर्ज अपने अपने ट्रैक्टरों पर गेंहू बेचने के लिए बिहार विधान सभा की ओर कूच करे तभी आपकी अवाज सुनी जायेगी। ऐसा करने पर आपको अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जैसा की दिल्ली जाने के दौरान पंजाब हरियाणा व यूपी के किसानों का सामना करना पडा। किसानों को रोकने के लिए जगह जगह वारकेडिंग लगा।