नई दिल्ली। गुजरात के केवड़िया में चल रहे कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान तीनों सेनाओं के साथ साझा मिलिट्री विजन तैयार किया जाएगा। इसका मकसद भविष्य में देश के सामने आने वाली चुनौतियां का थलसेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा साथ मिलकर सामना करने की रणनीति तैयार करना है।
रक्षा मंत्रालय के सचिवों के साथ तीनों सेनाओं के टॉप कमांडर्स के ‘ब्रेन-स्टोर्मिंग’ सम्मेलन में दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सुबह केवड़िया पहुंच गए। सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ पहले ही वहां मौजूद हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) ने साझा कमांडर्स सम्मेलन पर गुरुवार देर शाम आधिकारिक बयान में बताया कि 4-6 मार्च तक होने वाले इस सम्मेलन में देश का संयुक्त शीर्ष-स्तरीय सैन्य नेतृत्व, देश की सुरक्षा स्थिति और रक्षा तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान भविष्य के लिए एक संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने के लिए प्रासंगिक संगठनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
आखिरी दिन पीएम मोदी भी होंगे शामिल
डीएमए के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के सचिवों के साथ तीनों सेनाओं के टॉप कमांडर्स के ‘ब्रेन-स्टोर्मिंग’ सम्मेलन में शामिल होंगे। शनिवार यानी सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। इस साल सम्मेलन के दायरे का विस्तार किया गया है ताकि इसे तीनों सेवाओं के लगभग 30 अधिकारियों और विभिन्न रैंकों के सैनिकों को शामिल करके बहुस्तरीय इंटरैक्टिव और अनौपचारिक बनाया जा सके।
2014 के बाद से दिल्ली से बाहर आयोजित
बता दें कि कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का यह चौथा संस्करण है जो दिल्ली से बाहर हो रहा है। वर्ष 2014 तक यह सम्मेलन राजधानी दिल्ली में ही आयोजित किया जाता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दिल्ली से बाहर किसी ऑपरेशनल एरिया में करने का सुझाव दिया था, इसलिए अब यह सम्मेलन दिल्ली से बाहर आयोजित किया जाता है। इससे बाद 2015 में यह सम्मेलन नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर आयोजित किया गया था।
2017 में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) और सीसीसी का आखिरी संस्करण 2018 में वायु सेना स्टेशन, जोधपुर में दो दिनों की अवधि में आयोजित किया गया था। इसके बाद उच्च रक्षा संगठन में कई प्रमुख विकास हुए हैं, जिनमें पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) की स्थापना हुई है। अब सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने के लिए कई महत्वपूर्ण और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करके एक रोडमैप तैयार करना है।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)