रिटायर्ड होने के बाद भी पूर्व प्रबंधक करते रहे काम और हो गया 1.90 लाख का गबन, नबीनगर के कंकेर पैक्स का हाल

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। नबीनगर का कंकेर पैक्स 1.90 लाख के गबन को लेकर चर्चा में है। हालांकि यह राशि छोटी लगती है लेकिन छोटी राशि के गबन के साथ ही मामला उजागर हो जाने से यह सिलसिला आगे नही बढ़ सका। यदि यह सिलसिला बढ़ गया तो खेल लाखों में होता है।

गबन के इस मामले को पैक्स के प्रबंधक अंकित कुमार सिंह ने ही उजागर किया है। इसे लेकर उन्होने जिला सहकारिता पदाधिकारी को आवेदन दिया है। शिकायत के बाद डीसीओ ने नबीनगर और कुटुम्बा के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। शिकायत में पैक्स प्रबंधक ने कहा है कि पूर्व प्रबंधक सुरेश सिंह और अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित चेक के माध्यम से मां शांति राइस मिल ने 1.90 लाख की राशि की निकासी 16 नवंबर को की गई है जबकि इस मिलर का पैक्स पर मिलिंग के एवज में पूर्व का बकाया नही है। उनके बकाये का भुगतान उन्हे पहले ही किया जा चुका है।

पैक्स प्रबंधक ने बताया कि उन्होने 20 अप्रैल 2019 को कंकेर पैक्स में इस पद पर योगदान किया था। बीच में पैक्स के अवक्रमित हो जाने के कारण पैक्स का प्रभार प्रशासक के जिम्मे रहा। इस दौरान सुरेश प्रसाद सिंह रिटायर्ड होने के बावजूद बगैर सेवा अवधि विस्तार के पैक्स प्रबंधक का कार्य करते रहे। बाद में 11 अप्रैल 2022 को रिटायर्ड प्रबंधक से इस पद का पूर्ण प्रभार लेने के बाद उन्होने 4 जुलाई को इसकी सूचना नबीनगर कॉपरेटिव बैंक को देते हुए पूर्व प्रबंधक के हस्ताक्षर से पैक्स का बैंक खाता संचालित नही करने का आग्रह पत्र दिया। इसके बावजूद बैंक प्रबंधक ने पूर्व पैक्स प्रबंधक के स्थान पर पैक्स के बैंक खाते में मेरा हस्ताक्षर दर्ज नही किया। इसी कारण पूर्व पैक्स प्रबंधक और पैक्स अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षरित चेक से मां शांति राइस मिल से 1 लाख 90 हजार का भुगतान कर दिया गया। राइस मिल का पैक्स पर बकाया नही होने के बावजूद भगतान किया जाना राशि का गबन और बंदरबांट है और जांच हाेने पर यह सामने आ सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर नबीनगर के बीसीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि डीसीओ द्वारा उन्हे जांच करने की जिम्मेवारी दी गई है। फिलहाल वें नबीनगर नगर पंचायत के निर्वाचन कार्य में लगे है। निर्वाचन कार्य के समाप्त होने के बाद वे मामले की जांच कर रिपोर्ट डीसीओ को सौंपेंगे।