नसीब बिगहा में महाभंडारा के साथ पांच दिवसीय श्रीराम महायज्ञ संपन्न, यज्ञाचार्य के आर्शीवाद से रोगमुक्त हुई रिउर की मुखिया!

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के पंडोखर सरकार गुरु शरण शर्मा के कृपा पात्र शिष्य और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर सरकार के सहपाठी रहे औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के नसीब बिगहा निवासी निरंजन शास्त्री ने यज्ञाचार्य के रूप में दूसरा पड़ाव पार कर लिया है।

अपने जीवन का दूसरा यज्ञ उन्होने पैतृक गांव में श्रीराम महायज्ञ के रूप में संपन्न कराया। सात दिनों तक चले यज्ञ में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और श्रद्धालु एवं भक्तों यज्ञशाला की परिक्रमा कर खुद को गौरवान्वित महसूस किया। यज्ञ के आयोजन से सात दिनों तक नसीब बिगहा का वातावरण धर्ममय-अध्यात्ममय बना रहा हुआ है। गांव में धर्म-अध्यात्म की गंगा बहती रही और भक्त डुबकी लगाते रहे। यज्ञ के दौरान शाम में नियमित रूप से हुए रामकथा पाठ और प्रवचन का भी हजारों श्रद्धालुओं ने श्रवण और मनन किया। यज्ञ का समापन गुरुवार को पूर्णाहुति और महाभंडारा के साथ किया गया। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं और भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

यज्ञ में सातों दिन नियमित रूप से अपनी मुखिया पत्नी के साथ शामिल रहे बारूण प्रखंड के रिउर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अशोक सिंह ने दावें के साथ कहा कि उनकी मुखिया पत्नी कई तरह की शारीरिक व्याधियों से पीड़ित थी। बड़े अस्पतालों से भी इलाज कराने का फायदा नही हो रहा था। इस बीच उन्हे जानकारी मिली कि उनके ही प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के नसीब बिगहा निवासी निरंजन शास्त्री पंडोखर सरकार के कृपा पात्र शिष्य है और उन्हे गुरू का परम आर्शीवाद प्राप्त है। गुरू के आदेश और आर्शीवाद से वें इस इलाके में मानवता की सेवा में लगे है। यह जानकारी मिलने पर वें सपत्नीक नसीब बिगहा आएं। यज्ञाचार्य से मिले। उन्हे सारी बातें बताई। उन्होने कहा कि बालाजी आपका भला करेंगे। इसके बाद वें निरंतर यज्ञ में शामिल होते रहे और अब उनकी पत्नी स्वस्थ और प्रसन्न है। वें निरंजन शास्त्री जी के मुरीद हो गये है। उन्हे खुशी है कि उनके इलाके में ऐसे विद्वान आचार्य मौजूद है, जो धर्म जागरण करते हुए मानवता की सेवा में लगे है। वही अन्य श्रद्धालुओं और भक्तों ने भी यझाचार्य की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कई तरह के दावें किए।

यज्ञ के समापन के बाद यज्ञाचार्य निरंजन शास्त्री ने यज्ञ में सहयोग करने वाले सभी धर्मानुरागियों के प्रति आभार जताया। कहा कि गुरु के आदेश पर वें सनातन धर्म ध्वज को बुलंद करने के अभियान पर है। अभियान के तहत वें यज्ञ का आयोजन कर अवाम को सुसंस्कृत करने और वातावरण को परिष्कृत बनाने में लगे है। कहा कि उनके यहां कोई चमत्कार नही होता बल्कि जो भी हाेता है, वह बालाजी की कृपा और गुरू के आर्शीवाद से होता है। हमारे सनातन धर्म में सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान निहित है, बशर्ते पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अमल किया जाएं।