गुलनाज के परिवार को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरी सीपीआई

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो18)। वैशाली की बेटी गुलनाज को न्याय दिलाने के लिए सीपीआई ने आज राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी पटना में सीपीआई नेताओं ने करगिल चौक पर प्रदर्शन करते हुए गुलनाज के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आवाज बुलंद की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पटना जिला इकाई ने प्रतिरोध मार्च निकाला। मार्च पार्टी कार्यालय काजीपुर से निकलकर मछुआ टोली, बारी पथ, सब्जीबाग, पीरबहोर होते हुए करगिल चौक पहुचा। करगिल चौक पर प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता कॉमरेड आफताब अहमद ने किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राज्य नेता सह पटना जिला प्रभारी विश्वजीत ने राज्य और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए अपने नैतिक जवाबदेही से भागने का आरोप लगाया। सभा को सम्बोधित करते हुए एटक नेता गजनफ़र नवाब, छात्र नेता महेश रजक, तौसीफ आलम, अक्षय कुमार, नौजवान नेता विपिन, शम्भु देवा, पूर्व नगर पार्षद मोहन प्रसाद ने कहा की डबल इंजन सरकार में बहन बेटी सुरक्षित नहीं है और अपराध चरम पर है।

सभा को नगर निगम के नेता मंगल पासवान, पार्टी के नेता अब्दुल मन्नान, जयराम प्रसाद, हरेन्द्र प्रसाद, मो. कैसर, शम्भु शरण प्रसाद, केशरी कुमार, महिला नेत्री सुशीला देवी, शान्ति देवी ने भी सम्बोधित किया। प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व देवरत्न प्रसाद और जितेन्द्र कुमार ने किया। प्रदर्शनकारी गुलजान के हत्यारों को सख्त सजा के साथ उसके परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा उप्लब्ध कराये जाने की मांग कर रहे थे।

पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा : इरफान

प्रदर्शन में शामिल सीपीआई नेता व ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के महासचिव इरफान अहमद फातमी ने कहा कि वैशाली में छेड़खानी का विरोध करने पर 20 साल की एक युवती को गांव के दबंगो ने जिन्दा जला दिया। 30 अक्टूबर की रात देसरी थाने के रसूलपुर हबीब की गुलनाज खातून को गांव के ही कुछ लड़को ने छेड़खानी को लेकर विवाद के बाद केरोसिन डाल जिन्दा जला दिया। 15 दिन बाद इलाज के दौरान पीएमसीएच में लड़की की मौत हो गई। इस दौरान पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे। लड़की की मृत्यु हो जाने के बाद अब तक केवल 1 दोषियों की गिरफ्तारी हो पाई है।

बिहार की कानून व्यवस्था बदतर होती जा रही है। अपराधियों में कानून का भय खत्म होता जा रहा है। नीतीश कुमार केवल सुशासन का ढोल पीट रहे हैं। सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार के लिए अभी तक मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने कहा सीपीआई पूरे बिहार में प्रतिरोध के माध्यम से सरकार से मांग कर रही है कि सभी दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर स्पीडी ट्रायल चलाते हुए सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि आइंदा इस तरह की घटना को अंजाम देने से पहले अपराधी बार-बार सोचे। साथी पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए एवं परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए।