डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जुड़ेंगे राज्य के सभी जिले, प्रखंड, पंचायत व गांव, सीएम ने दिए निर्देश

  • मुख्यमंत्री के समक्ष काॅम्फेड द्वारा डेयरी डेवलपमेंट से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया
  • सभी गांवों में महिलाओं के लिए अलग से डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी बनायें। जीविका की महिलाओं को भी इसमें शामिल करें।
  • भैंस और गाय के दूध की अलग-अलग उपयोगिता है, जिसे देखते हुये इस संबंध में अध्ययन करायें और उसके आधार पर इसे प्रमोट करें। गाय के दूध के उत्पादन को अलग से और प्रोत्साहित करने की जरुरत है। गाय का दूध स्वास्थ्य एवं अन्य दृष्टिकोण से भी उपयुक्त है।
  • प्रति 8-10 पंचायतों पर एक पशु अस्पताल बनाने की योजना पर जल्द काम शुरू करें, जहां पशुओं के मुफ्त इलाज के साथ ही उनके लिये मुफ्त दवा की भी व्यवस्था हो

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में काॅम्फेड द्वारा डेयरी डेवलपमेंट से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान कृषि-सह-पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार ने मुख्यमंत्री को डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन, एनिमल हेल्थ, एनिमल न्यूट्रिशन, प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन पावर डेवेलपमेंट आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार में आने के बाद से ही हमलोगों ने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर कई कार्य किये हैं। पहले से दुग्ध उत्पादन बढ़ा है लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा। डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरु से ही प्रयासरत है और इसको लेकर हर तरह का सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों, प्रखण्डों एवं पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जोड़ें। उन्होंने कहा कि सभी गांवों में महिलाओं के लिए अलग से डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी का गठन करें एवं जीविका की महिलाओं को भी इसमें शामिल करें। उन्होंने कहा कि गांवों तक डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी का विस्तार होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ आमदनी भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय-2 के अंतर्गत देशी गौ संरक्षण की योजना है। देशी/स्थानीय गाय के नस्ल को बढ़ावा देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भैंस और गाय के दूध की अलग-अलग उपयोगिता है, जिसे देखते हुये इस संबंध में अध्ययन करायें और उसके आधार पर इसे प्रमोट करें। गाय के दूध के उत्पादन को अलग से और प्रोत्साहित करने की जरुरत है। गाय का दूध स्वास्थ्य एवं अन्य दृष्टिकोण से भी उपयुक्त है। उत्.ष्ट पशु चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रति 8-10 पंचायतों पर एक पशु अस्पताल बनाने की योजना पर जल्द काम शुरू करें, जहां पशुओं के मुफ्त इलाज के साथ ही उनके लिये मुफ्त दवा की भी व्यवस्था हो।

बैठक में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार, सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव उपस्थित थीं।