औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित एवं ओछी टिप्पणी किये जाने के विरोध में सोमवार को यहां जदयू ने तेजस्वी का पुतला दहन किया।
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पुतला दहन का नेतृत्व जदयू के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस दौरान युवा जदयू जिलाध्यक्ष अनिल कुमार मेहता, जदयू व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अमित कुमार, अधिवक्ता नागेंद्र सिंह, जिला महासचिव विजय चंद्रवंशी, नगर अध्यक्ष अमरेश कुमार उर्फ पिंटू मेहता, जिला महासचिव बिट्टू कुमार सिंह, उपाध्यक्ष नीतीश कुमार वर्मा, सूरज कुमार वर्मा, अखिलेश चंद्रवंशी, विक्की कुमार सिंह, आजाद कुमार मेहता, अमित कुमार, पप्पू ज्वाला सिंह, कैसर नियाजी, राजकुमार लहरी, रूस्तम अली, मो. शाहिद, मो. तसलीम अंसारी, मो. तसलीम अंसारी एवं चांद अली आदि मौजूद रहे। पुतला दहन के बाद जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि तेजस्वी की मुख्यमंत्री के खिलाफ अमर्यादित एवं ओछी टिप्पणी से बिहार की जनता में भारी आक्रोश है। इसके विरोध में सोमवार को पूरे बिहार में जदयू द्वारा तेजस्वी यादव का पुतला दहन किया जा रहा है।
तेजस्वी ने सिर्फ नीतीश कुमार को गाली नहीं दी बल्कि पूरे बिहार की जनता को गाली देने का काम किया है क्योंकि क्योंकि नीतीश कुमार सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है बल्कि बिहार की जनता ने उन्हें आशीर्वाद देकर मुख्यमंत्री बनाया है। वें बिहार के मुखिया है। इसलिए उनको गाली देना पूरे बिहार की जनता को गाली देने के बराबर है। इससे पता चलता है कि लालू-राबड़ी के पंद्रह साल में जंगल राज था और आज भी वें जंगल राज की भाषा बोल रहे हैं। बिहार की जनता इस बात को जानती और पहचानती है। इसी कारण जनता ने उन्हें इस बार भी सत्ता से दूर रखा है। कहा कि तेजस्वी की हरकत की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। कहा कि लालू प्रसाद का पूरा परिवार घोटाले में लिप्त है और तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के पुरोधा है। बिहार की जनता ने उन्हें जंगल राज का महाराजा होने के कारण ही 15 वर्षों से बिहार की सत्ता से बाहर रखा है। तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से बिहार की जनता के साथ-साथ बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से माफी मांगनी चाहिए।