औरंगाबाद में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने उड़ाए कोविड प्रोटोकाॅल की धज्जियां

औरंगाबाद(मनोज शर्मा)। बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के प्रथम चरण के दौरान आरंभ से लेकर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक कोरोना प्रोटोकाॅल की धज्जियां उड़ती रही। औरंगाबाद भी इससे अछूता नही रहा। औरंगाबाद के सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में पक्ष-विपक्ष से लेकर एनडीए-यूपीए और अन्य गठबंधन के दल कोरोना प्रोटोकाॅल की बखियां उधेड़ने में एक-दूसरे पर भारी पडे़। इस मामलें में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन औरंगाबाद में भाजपा प्रत्याशी रामाधार सिंह ने रोड शो में कोरोना प्रोटोकाॅल की चिंदी-चिंदी कर दी।

वही रफीगंज में निर्दलीय प्रमोद, ओबरा विस क्षेत्र में एलजेपी के प्रकाश, नवीनगर के बारूण में जदयू के विरेंद्र सिंह व कुटुम्बा में हम के श्रवण भुईंया के समर्थन में निकाले गए रोड़ शो में कोविड प्रोटोकाॅल की धज्जियां उड़ाकर रख दी। बाइक जुलूस में अधिकतर के चेहरे पर न तो फेस सिल्ट था न मास्क। इतना हीं नहीं इस दौरान परिवहन नियमों की भी धज्जियां उड़ाई गई। अब देखना है कि जिला प्रशासन इन कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।


इन कोरोना प्रोटोकाॅल का नही हुआ पालन-

  1. फेस मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर, ग्लब्स, फेशियल पीपी किट्स का इस्तेमाल चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकतर मामलों में नही हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन नही हुआ।
  2. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करते हुए रैली और सार्वजनिक सभाओं, रोड शो के दौरान एक काफिले में 10 की जगह 5 गाड़ियों की टुकड़ियां बनानी थी, लेकिन ऐसा नही हुआ।
  3. वाहनों के काफिले के दो सेटों के बीच 100 मीटर के अंतराल की जगह आधा घंटे का अंतर भी कही नही दिखा।
  4. चुनाव प्रचार के दौरान डोर-टू-डोर कैंपन में अधिकतम 5 लोगों की इजाजत के बावजूद सैकड़ों लागों के साथ कैंपेनिंग हुई।
  5. जिला चुनाव अधिकारी को सार्वजनिक सभाओं के लिए मैदान की एडवांस में प्रवेश और निकासी मार्ग के साथ ही मैदानों शामिल होने आने वाले लोगों के लिए एडवांस में सोशल डिस्टेंसिंग मार्क कराना था, लेकिन ऐसा नही हुआ।
  6. जिला चुनाव अधिकारी और डीएसपी को यह सुनिश्चित करना था कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से तय लोगों से ज्यादा उस सार्वजनिक सभी में शामिल न हो, पर तय सीमा का कही भी ख्याल नही रखा गया।
  7. नोडल हेल्थ ऑफिसर को भी यह सुनिश्चित हो करना था कि सभी जिलों में कोविड-19 से संबंधित गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है, पर ऐसा नही हुआ।