जानिए: 50 के स्पीड में क्यों दौड़ी सिने बुलबुल अमीषा की गाड़ी

औरंगाबाद(राहुल राज)। बिहार विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन औरंगाबाद में बाॅलीवुड की बुलबुल अमीषा पटेल ने तड़का लगाया। सोमवार को दाउदनगर से ओबरा तक रोड शो किया। कोरोना प्रोटोकाॅल की ऐसी की तैसी कर दी। बाॅलीवुड की एक फिल्म की ये पंक्तियां लागू हो गयी-‘‘ये मिलना भी कोई मिलना है, आये और चल दिए‘‘।

अमीषा आई, थोड़ी देर के लिए मनोरंजन, फिर वही जाति के चुनावी गणित-‘‘ये कैसी घड़ी आई है-मिलन है जुदाई है, का दौर चुनाव प्रचार के खत्म होने के बाद शुरु हो गया। ऐसा हो भी क्यो न क्योंकि यही गणित परिणाम जो तय करता है। खैर चलिए थोड़ा ग्लैमर के तड़के का मजा ले ही लेते है। औरंगाबाद से उतर की ओर अरवल जिले की सीमा पर ठाकुर बिगहा के पास से अमीषा की एंट्री हुई। एक दल के लोगो ने उसका स्वागत किया।

एक खुली गाड़ी में अमीषा सवार हुई। चूंकि चुनाव प्रचार पर अमीषा निकली तो यहां भी बाॅलीवुड की एक फिल्म की गीत लागू हो गयी-‘‘दिलवालों के दिल का करार लूटने, मैंे आई हूं यूपी-बिहार लूटने‘‘। खैर अमीषा यूपी में नही बिहार में थी और वह ओबरा विधानसभा के इलाके वालों के दिल का करार लूटने आई थी। कितना करार लूट पाई यह तो परिणाम बताएगा पर ओबरा वाले ये भी जानते है, वह भी बाॅलीवुड के ही एक गीत के तर्ज पर-‘‘अच्छाई-सच्चाई क्या है, धोखा है-धोखा है।

अमीषा की गाड़ी कही 20 तो कही 50 किमी. की स्पीड से दौड़ी, दाउदनगर बाजार का चक्कर लगाती ओबरा तक पहुंची, फिर वापसी हो गई। अमीषा की एक झलक के लिए लोगों में बेताबी दिखी। महिला होने के नाते आधी आबादी ने कुछ जगह स्वागत कर दिया।