महिला सशक्तिकरण की थीम पर आधारित लीलावती पुरस्कार 2020 के तहत विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को रविवार को सम्मानित किया गया। लीलावती पुरस्कार 2020 के लिए कुल 456 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं। जिनमें से 6 अलग-अलग श्रेणियों में 25 सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के द्वारा पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत प्रविष्टियों में महिला स्वास्थ्य के तहत 4, महिला उद्यमिता में 4, साक्षरता में 4, कानूनी जागरुकता में 4, आत्मरक्षा में 5 और स्वच्छता में 4 प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया गया।
लीलावती पुरस्कार: एक और अनूठी पहल की शुरुआत
अखिल भारतीय शिक्षा परिषद द्वारा साल 2020 में शुरू किए गए लीलावती पुरस्कार को अनूठी पहल बताते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय सशक्तिकरण के लिए व्यक्ति का सशक्तिकरण आवश्यक है। हम सभी जानते हैं कि महिला सशक्तिकरण किसी भी राष्ट्र की प्रगति और सामाजिक उत्थान का सबसे बड़ा पैमाना माना जाता है। ऐसे में, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों में यह मील का पत्थर साबित होगा।
साल 2020 में हुई थी शुरुआत
महिला सशक्तिकरण की थीम पर आधारित लीलावती पुरस्कार की घोषणा साल 2020 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद’ के अभिनव शिक्षा कार्यक्रम के दौरान की गई थी। इस पुरस्कार का उद्देश्य निपटान, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण, साक्षरता, रोजगार, प्रौद्योगिकी, ऋण, विपणन, नवाचार, कौशल विकास, प्राकृतिक संसाधन और महिलाओं के अधिकारों जैसे मुद्दों के प्रति जागरुकता पैदा करना है। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, अखिल भारतीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे सहित परिषद के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
लीलावती पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य
इस पुरस्कार का उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के साथ ‘समानता और निष्पक्षता’ का व्यवहार करने के लिए जन जागरूकता फैलाना है। साथ ही साथ लैंगिक भेदभाव के प्रचलित मुद्दों जैसे- अशिक्षा, बेरोजगारी, आर्थिक और पोषण संबंधी असमानताएं, मातृ मृत्यु दर, मानव अधिकार आदि का समाधान करना है।
कौन-कौन है योग्य
लीलावती अवार्ड के लिए प्रवेश पत्र संस्थान या टीम के स्तर पर प्रस्तुत किए जाते हैं, जिसमें छात्र या एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थान शामिल हो सकते हैं। विभिन्न संस्थानों से प्राप्त योग्य प्रविष्टियों का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाता है, इसके बाद विजेता टीम को हर उप-विषय के तहत पहले, दूसरे और तीसरे रैंक के लिए प्रमाण पत्र मिलते हैं।
लीलावती पुरस्कार 2020 के विजेता
6 अलग-अलग श्रेणियों में दिए जाने वाले लीलावती पुरस्कार 2020 को कानूनी जागरुकता की श्रेणीं में तमिलनाडु के थियागराजर पॉलिटेक्निक कॉलेज की पांच सदस्यीय टीम ने जीता। आत्मरक्षा और महिला स्वास्थ्य की श्रेणी में यह पुरस्कार क्रमश: सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और महाराष्ट्र के वालचंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की टीम ने जीता। साक्षरता और महिला उद्यमिता की श्रेणी में यह पुरस्कार क्रमशः पुणे की भारतीय विद्यापीठ और तमिलनाडु के सोना कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम ने जीता।
लैंगिक समानता को सर्वोच्च प्राथमिकता: रमेश पोखरियाल निशंक
पुरस्कार वितरण के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ योजना, बालिका समृद्धि योजना एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरु की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरु की गई कुछ पहलों के बारे में बात करते हुए कहा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सभी योजनाएं बालिकाओं और महिलाओं तक शिक्षा की पहुंच एवं शिक्षा में लैंगिक समानता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।