नई दिल्ली(विद्या भूषण शर्मा)। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते किसी भी राज्य में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए भारत सरकार मुस्तैदी से काम कर रही है। इस कड़ी में अब भारतीय रेलवे ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडरों को ले जाने के लिए “ऑक्सीजन एक्सप्रेस” नामक ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। इन ट्रेनों को निर्बाध गति से चलाने के लिए देश में ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं।
रेल मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी भी दी है। बताया गया है कि इसके तहत महाराष्ट्र से खाली टैंकर सोमवार 19 अप्रैल को चलेंगे जो विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला, बोकारो से ऑक्सीजन उठाएंगे। रेलवे ने यह भी बताया कि टेक्निकल ट्रायल पूरा होने के बाद खाली टैंकरों को कलमबोली/बोइसर से मुंबई भेजा जाएगा और फिर वहां से वाइजाग (विशाखपत्तनम)/जमशेदपुर/राउरकेला/बोकारो भेजा जायेगा। वहां इन टैंकरों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरी जाएगी।
जानकारी के लिए बता दें, ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को विभिन्न राज्यों में जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस संबंध में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई से संबंधित मुद्दों पर बीते 17 अप्रैल को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, राज्य परिवहन आयुक्तों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस सम्बन्ध में रेल मंत्रालय ने कहा कि टैंकर प्राप्त करने और उन्हें ऑक्सीजन लोड करके वापस भेजने की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे केंद्रों को निर्देश जारी किए गए हैं।
यहां बनाये जा रहे रैंप
रेल मंत्रालय के अनुसार ऑक्सीजन एक्सप्रेस रोल ऑन, रोल ऑफ मॉडल पर चलाई जायेगी, जिसके तहत तरल ऑक्सीजन सीजन से भरे टैंकरों को रेल के फ्लैट डिब्बों के ऊपर चढ़ा दिया जाएगा और गंतव्य पर पहुंचने के बाद उन्हें उतारा जाएगा।
विशाखापत्तनम, अंगुल और भिलाई में रैंप तैयार किए जा चुके हैं। कलमबोली में पहले से मौजूद रैंप को मजबूत बनाया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि कलमबोली रैंप 19 अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। अन्य स्थानों पर भी टैंकरों के पहुंचने से पहले रैंप पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
टी-1618 टैंकरों का होगा इस्तेमाल
जानकारी के लिए बता दें, ऑक्सीजन एक्सप्रेस में टी-1618 टैंकरों का इस्तेमाल किया जायेगा। इस टैंकर से ऑक्सीजन भेजना बाकी मालवाहक टैंकरों के मुकाबले काफी आसान है। इस टैंकर के रेलवे लाइनों पर बने ओवरब्रिज की ऊंचाई समेत ट्रैक के ऊपर लगे बिजली के तारों में फंसने की प्रायिकता लगभग न के बराबर है। इन टैंकरों पर चालक समेत कुल 2 लोगों को यात्रा करने की अनुमति होगी। साथ ही साथ इन दोनों व्यक्तियों को यात्रा के लिए द्वितीय श्रेणी (सामान्य) का यात्रा टिकट खरीदना होगा।