देश में दलितों से भी अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर : इरफान अहमद फातमी

  • ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ का जिला सम्मेलन संपन्न

मधेपुरा। दलितों से भी अल्पसंख्यकों की स्थिति बत्तर है। आजादी के 76 वर्ष के बाद भी आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण से अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय है।

उक्त बातें आज यहां सदर प्रखंड के बुधमा कला भवन में ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के जिला अध्यक्ष मोO जहांगीर की अध्यक्षता में आयोजित इंसाफ के जिला सम्मेलन का उद्घाटन करते इंसाफ के प्रांतीय महासचिव जनाब इरफान अहमद फातमी ने कही।

उन्होंने कहा कि देश में आतंक और दहशत का माहौल है, भारतीय संविधान, हमारी जम्हूरियत एवं अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है। हमें अपने ही मुल्क में हुकूमत द्वारा सौतेला सा व्यवहार किया जाता है ,जबकि हमारे पुरखे ने देश के खातिर किसी से कम कुर्बानियां नहीं
दी है।

जनाब फातमी ने कहा कि ऐसी हालत में अल्पसंख्यकों को राजनीति में सक्रिय भूमिका का निर्वाहन करना चाहिए। उन्होंने सच्चर कमेटी के सिफारिशों को लागू कराने, अपने हक – हकूक और भारतीय संविधान को हिफाजत करने के लिए अल्पसंख्यकों से एक जुट होकर संघर्ष तेज करने आह्वान किया।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी गंगा जमुनी तहजीब खतरे में है। उन्होंने कहा कि इस देश की आजादी की लड़ाई हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सबने मिलकर लड़ी और कुर्बानियां दी। उन्होंने कहा कि जब आज हिंदू और मुसलमान के नाम पर समाज को बांटने की साजिश की जा रही है। तो उन्हें याद रखना चाहिए कि साहिद लुधियानी एक मुसलमान हीं था जिसने गाया था कि

रोम रोम में बसने वाले राम ,
शकील बदायुनि भी एक मुसलमान हीं था जिसने गाया मोहे पनघट पर नंदलाला……….. , एवं
मन तड़पन हरि दर्शन को….,
अल्लामा इकबाल भी मुसलमान हीं था जिसने लिखा और गाया सारे जहां से अच्छा हिंदूस्तां हमारा।

भाकपा नेता ने कहा कि यूसुफ मेहर अली भी मुसलमान था जिसने सबसे पहले अंग्रेजों भारत छोड़ो और मौलाना हसरत मोहानी ने पूर्ण आजादी का नारा दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म और जाति गद्दार नहीं होता, व्यक्ति हो सकता है।

भाकपा नेता प्रभाकर कहा कि नफरत की राजनीति करने वाले को अपने गिरेवान में झांकना चाहिए कि उनकी क्या भूमिका रही है आजादी की लड़ाई में, देश को बचाने और बनाने में।

उन्होंने अल्पसंख्यकों से अपने बच्चों को पढ़ाने एवं देश के प्रगतिशीलता , पंथनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले दल और वल के साथ देश बचाने के लिए अपनी एकजुट प्रदर्शित करने का आह्वान किया और कहा कि देश टूटने एवं बिकने नहीं देंगे।

राजद के जिला प्रधान महासचिव नजीरउद्दीन नूरी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में छप्पन हजार मुसलमामुसलमानों को फांसी दी गई और आज उन शहीदों के औलाद को गद्दार कहा जाए यह हमें मंजूर नहीं।

भाकपा के राज्य परिषद सदस्य शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई में पाकिस्तान के सात ट्रैंक को उड़ाकर अपनी कुर्बानी देने वाले हवलदार हामीद को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

इंसाफ के प्रांतीय नेता मोहम्मद चाँद, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि एवं युवा नेता नवीन कुमार, वार्ड सदस्य संघ के जिला अध्यक्ष प्रतिनिधि रमेश कुमार शर्मा , ए आई एस एफ के जिला अध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें, स्थानीय सरपंच राजेंद्र राम ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अब्दुल गफ्फार खान, अशफ़ाकुल्ला खान, आसफ अली, जाकिर हुसैन, अब्दूल कलाम आजाद, रफी अहमद किदवई के बिना अधुरा रहेगा।

इस अवसर पर मोo परवेज, मोo हलीम ,मोoआवास ,मोo वासील,मोo सिराज, मोo शकील, मुंशी आलम, मोo रजाक, मोo एबादत, नागेश्वर पासवान, मुन्ना, नंदकिशोर शर्मा आदि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों की उपस्थित थी l
सर्वसम्मत से मो. चांद, अध्यक्ष एवं मो. जहांगीर, सचिव निर्वाचित हुए l