कोरोना कहर की जवाबदेही ले केन्द्र सरकार : रामनरेश पांडेय

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(भाकपा) के प्रभारी राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी घातक लहर ने जहां एक तरफ राष्ट्रीय आपदा जैसी स्थिति पैदा कर दी है। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार की इस मोर्चे पर ऐतिहासिक विफलता की भी कलई खोल दी है। अस्पतालों में बेड की कमी से जहाँ संक्रमितों को लेकर उनके परिजन दर-दर की ठोकरें खाने को विवष हैं, वहीं जो अस्पतालों में किसी तरह भत्र्ती हो गये हैं वे मेडिकल ऑक्सीजन की सर्वव्यापी किल्लत और वेंटिलेटरों की कमी के चलते रफ्ता-रफ्ता मौत की आगोष में जा रहे हैं। इतना ही नहीं जिस बड़ी संख्या में लोग जींदगियां गंवा रहे हैं, उनके अंतिम संस्कार के लिए भी शव दाह गृहों में लम्बी कतारें लगी हुई हैं, और जगह-जगह एक साथ अनेक लाषें चिताओं के हवाले की जा ही है।

Ram Naresh Pandey

तमाम बंदिशों, नाइट कफ्र्यू, आंषिक व पूर्ण लाॅकडाउन के निरंतर जारी प्रयोगों के बावजूद संक्रमितों और मृतकों की संख्या में बेइन्तहां बढ़ोतरी से लोगबाग त्राहिमाम कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्र व राज्य सरकारों ने सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ रखा है। और तो और दुर्लभ ऑक्सीजन की कालाबाजारी और वैक्सिन की मनमानी कीमत दवा कंपनियों द्वारा राज्य सरकारों व निजी अस्पतालों से वसूले जाने की खबरों ने सनसनी पैदा कर दी है। संपूर्ण देष और देशवासी इस भयानक आपदा से बुरी तरह संत्रस्त हैं और उन्हें कहीं कोई राहत जैसी चीज दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ रही है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिवमंडल ने इस पूरे प्रकरण पर गहरी चिंता जताते हुए इसके लिए केन्द्र की मोदी सरकार को एकमेव जिम्मेदार बताते हुए प्रश्न किया है कि जब विष्व के अन्य देषों में कोरोना का दूसरा-तीसरा स्ट्रेन पांव पसार रहा था, तब यह सोयी हुई थी और वैक्सिन का ढिढोरा पीटने में लगी हुई थी। सरकार संक्रमण की दूसरी लहर से बेखबर क्यों बनी रही और समय रहते वांछित इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण क्यों नहीं किया? यदि ऐसा किया गया होता तो स्थिति उतनी भयावह नहीं होती, न तो बेड के अभाव की समस्या आती, न ऑक्सीजन की कमी होती, न ही वेंटिलेटर अस्पतालों में निष्प्राण बने रहते।

अब हायतौबा मचाना सरकार की गैर जिम्मेदाराना हरकत है जिसके चलते अनगिनत जानें जा रही हैं और आगे-आगे और भी जाने का खतरा आसन्न है। जाहिर है केन्द्र सरकार की भाजपा-नीत सरकार की प्राथमिकता सूची में पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव रहे और कोरोना से लड़ाई की तैयारियों की घोर उपेक्षा की गयी। सिर्फ केरल की सरकार ने अपने मेडिकल कालेज अस्पतालों में नये ऑक्सीजन प्लांट लगाकर अपनी क्षमता दोगुनी कर ली।

अब जबकि संकट गहरा गया हैं, सरकार की नीतियों का खाेंखलापन तेजी से उजागर हो रहा है। प्रधानमंत्री इस पूरे मामले में तीन हिस्सेदारों की बात कर रहे हैं- केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर। राज्य सरकारें, केन्द्र पर दोषारोपण कर रही हैं और प्राइवेट सेक्टर मुनाफाखोरी के लिए एक ही वैक्सीन आदि के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित कर रहा है। और भी मोदी सरकार के रणनीतिक पार्टनर अमेरिका भी भारत को वैक्सीन के साथ-साथ वैक्सीन निर्माण के लिए जरूरी प्रायः सत्तर कच्चेमाल की आपूत्र्ति करने के लिए आगे नहीं आ रहा है जो एक हैरतअंगेज खबर है।

समग्र स्थिति के आलोक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्पष्ट समझ है कि केन्द्र सरकार को मौजूदा संकट से देष को उबारने के लिए पूरी जवाबदेही लेते हुए त्वरित गति से अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने, देषी-विदेषी स्रोतों से प्रचूर मात्रा में ऑक्सीजन व वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर देषवासियों की जान की हिफाजत करनी चाहिए और आने वाले तीसरे-चैथे स्ट्रेन की संभाव्यता के मद्देनजर स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विस्तारित करने की फौरी कार्य योजना बनानी चाहिए। साथ ही कोरोना संकट की घड़ी में सभी जरूरतमंदों के लिए राषन आदि की मुफ्त व्यवस्था के साथ-साथ लोगों की क्रय शक्ति को बल पहुंचाने के लिए उनके खातों में समुचित कैश ट्रांसफर की व्यवस्था कर बाजार को भी डुबने से बचाना चाहिए। उक्त जानकारी भाकपा के राज्य सचिव राम नरेश पाण्डेय ने सचिवमंडल की आपात बैठक के बाद जारी प्रेस वक्तव्य के माध्यम से दी।