आईपीएस विकास वैभव के समर्थन में औरंगाबाद के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने रखा एक दिवसीय उपवास

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। अग्निशामक विभाग की डीजी द्वारा विभाग के आईजी व बिहार निवासी विकास वैभव को कथित रूप से अपमानित किये जाने के विरोध में औरंगाबाद के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने शहर के श्रीकृष्ण सिंह स्मृति भवन सह पुस्तकालय में बिहारी अस्मिता को लेकर एक दिवसीय उपवास किया।

उपवास में बैठे लोगों ने डीजी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उपवास पर बैठनेवालों में सुनील शर्मा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह, जिला मंत्री नारायण प्रसाद वैश्य अंजनी शर्मा, श्रीकांत शर्मा, इंद्रदेव यादव, विनोद शर्मा, रघुनाथ राम, टून्ना प्रसाद गुप्ता, जयनंदन पांडेय शिक्षाविद प्रेम कुमार, अविनाश कुमार, समाजसेवी नीलमणि कुमार, विनोद कुमार, अजित शर्मा, सुशील कुमार, नवीन कुमार पांडेय, प्रियांशु सिंह, सलीम अहमद, इरफान अंसारी, नीरज कुमार, सत्यम कुमार, चंदन पांडेय, ऋतुराज तिवारी, रितिक पांडेय, सत्यम कुमार, प्रेम कुमार तिवारी, रघुनाथ राम, मनोज राम, हरिओम पासवान, सुनील पासवान एवं नीरज कुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल है।

उपवास रखनेवालों ने कहा कि यह बिहारी अस्मिता का अपमान है। विकास वैभव बहुत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने अपने कार्यों की बदौलत बिहार का नाम ऊंचा किया है। उनके मन मे बिहार के लिए कुछ करने की उत्कंठा है।जिस जिले में या जिस जगह पर उन्हें जिम्मेवारी मिली, उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य निर्वहन किया। ऐसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को दुर्भावना से ग्रसित होकर अपमानित करना निंदनीय है। सरकार को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर डीजी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कहा कि अग्निशामक विभाग की डीजी शोभा अहोतकर महाराष्ट्र की रहने वाली है और उन्हें बिहार के लोग गाली लगते हैं। वें कई कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारियों को लगातार अपमानित कर चुकी हैं। राज्य के सीनियर पदाधिकारी के खिलाफ उनका इस तरह के व्यवहार से उनके कार्यों से समझा जा सकता है कि आम आदमी के प्रति उनका कैसा व्यवहार होगा। सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करें नहीं तो आने वाले समय में यह एक दिवसीय अनशन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाएगा। लोग सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे। उपवास के बाद उनके द्वारा औरंगाबाद के जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।