पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। “अपनी पूरी जिंदगी मैं राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का ऋणी रहूँगा जिन्होंने मेरे छोटे से बच्चे को जीवनदान देने में अहम् भूमिका निभाई”, यह कहना है पटना के अकीलपुर निवासी राजीव रंजन का. राजीव का आठ वर्षीय पुत्र सत्यम जन्म के समय से ही ह्रदय में छेद के साथ पैदा हुआ था. धीरे- धीरे उसकी सामान्य दिनचर्या में सुस्ती को बढ़ता देखकर राजीव ने पटना में कई चिकित्सकों से सत्यम को दिखाया लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ. सत्यम के पिता को आख़िरकार पता चला कि उनके बेटे के छाती में छेद है और शल्यक्रिया द्वारा ही इसका उपचार संभव है.
ऑपरेशन के पैसे जुटाने में परिवार था असक्षम:
सत्यम के परिवार का दिल बैठ गया जब उन्हें बताया गया कि बच्चे की ऑपरेशन का खर्च करीब 4 से 5 लाख रुपये बैठेगा. ऐसे में उन्हें सत्यम के जीवन की चिंता सताने लगी क्योंकि उनका परिवार बताई गयी राशी जुटाने में असक्षम था. इस कठिन समय में उनके रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया और अब परिवार बिलकुल असहाय महसूस करने लगा. ऐसे में एक पारिवारिक मित्र ने उन्हें जिला स्वास्थ्य समिति में जाकर अपनी बात रखने को कही और कहा वहां शायद आपकी मदद हो सके.
“बाल ह्रदय योजना” साबित हुई सत्यम के लिए संजीवनी:
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अभिषेक ने बताया सत्यम के परिवार ने जब उनसे संपर्क किया तो आरबीएसके की टीम ने सत्यम के घर जाकर उसकी स्क्रीनिंग की. उसके बाद सत्यम को आईजीआईसी में रेफर किया गया. वहां प्राथमिक उपचार के उपरांत सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत बाल ह्रदय योजना के तहत सत्यम को अहमदाबाद भेजा गया जहाँ उसका निशुल्क सफल ऑपरेशन हुआ और कल वापस लौटकर सत्यम अपने परिवार के साथ है और पूरी तरह स्वस्थ है.
बच्चे के साथ एक अभिभावक भी रहे अहमदाबाद में साथ:
डॉ. अभिषेक ने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। योजना 1अप्रैल,2021 से लागू है। इसी योजना के तहत बच्चों को निःशुल्क ईलाज मिला है। बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद स्थित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बालहृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सरकार द्वारा रोगी बच्चे के साथ एक अभिभावक के साथ रहने की व्यवस्था करायी जाती है तथा घर से लेकर उपचार के उपरांत घर वापसी तक सारा खर्च सरकार करती है.
पिता ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग को जताया आभार:
सत्यम के पिता राजीव रंजन ने बताया “ जब हम पूरी तरह हताश हो चुके थे उस समय हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार हेतु नई योजना बाल हृदय योजना हमारे लिए डूबते को तिनके जैसा सहारा लगा. अपनी पूरी जिंदगी मैं राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का ऋणी रहूँगा जिन्होंने मेरे छोटे से बच्चे को जीवनदान देने में अहम् भूमिका निभाई और मुझे मेरे बच्चे के साथ अहमदाबाद जाने की अनुमति दी और पूरे प्रकरण में हमारा कोई खर्च नहीं हुआ”.