पुण्यतिथि पर याद किए गये अंग्रेजो के प्रथम शत्रु राजा नारायण सिंह

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। 1857 की क्रांति के 87 साल पहले 1770 में जंग ए आजादी का बिगुल फूंकने वाले औरंगाबाद के पवई रियासत के राजा नारायण सिंह को 245वीं पुण्यतिथि पर रविवार को यहां श्रद्धापूर्वक याद किया गया। शहर के रमेश चौक के स्थित राजा नारायण सिंह पार्क में पुण्यतिथि समारोह धूमधाम से मनाया गया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी प्रसिद्ध नारायण सिंह ने की जबकि संचालन सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. संजीव रंजन ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते विधायक

इस दौरान आगतो ने पार्क में राजा नारायण सिंह के कार्यक्रम को संबोधित करते विधायकआदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित की। इसके बाद उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की विस्तार से चर्चा की।  “इतिहास में राजा नारायण सिंह के ओझल पल” विषय पर संगोष्ठी में लोगो ने सारगर्भित तरीके से विचार रखे।संगोष्ठी का विषय प्रवेश  सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कराया। वक्ताओं ने कहा कि राजनारायण सिंह किशोरावस्था में ही राजगद्दी संभालने के बाद से अंग्रेजो के खिलाफ जंग को बिहार में धार दिया था। उन्होने सोन नदी में हजारो अंग्रेजो को मौत के घाट उतरने का काम किया था।

आज उनकी विस्मृत स्मृतियों को उजागर करने की आवश्यकता है। कहा कि पार्क प्रांगण में रखी उनकी आदमकद प्रतिमा भव्य एवं आकर्षक है। इसे इसी परिसर में स्थापित किया जाय जिसका उपस्थित लोगो ने समर्थन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह ने राजनारायण को इतिहास पुरुष बताया। ऐतिहासिक पलो की विस्तार से उन्होंने चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे एक महान योद्धा थे, जिनका जीवनवृत भी अंग्रेजो द्वारा लिखा गया है। उनके बारे में सभी को बताने की आवश्यकता है। 

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