पटना। बिहार के सामाजिक संगठनों की ओर से आज जनघोषणा पत्र जारी किया गया. जनघोष नाम से जारी किये गए इस जनघोषणा पत्र में जनसरोकार के 17 महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनसमूहों के प्रमुख मांगों को संकलित किया गया है. जिसमें स्वास्थ्य, खेती-किसानी, रोज़गार और अर्थव्यवस्था, मजदूरों के पलायन, बाढ़ और आपदा, महिला अधिकार, बाल अधिकार, शिक्षा, शहरी मुद्दे, दलित अधिकार, अल्पसंख्यक सहित कई मुद्दे शामिल हैं. इस जनघोषणा पत्र के ऑनलाइन विमोचन के अवसर पर प्रदेश के कई प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे जिन्होंने इन मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की.
इस अवसर पर बोलते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. संजय पासवान ने कहा कि सामाजिक संगठनों के इस मुहीम से राजनैतिक दलों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. जनघोष का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इसके महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करने का प्रयास करेंगे. हालाँकि पार्टी का घोषणा पत्र अब अपने आखिरी चरण में है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ के नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जरुरी है कि गरीबों और वंचितों की आवाज़ को प्रमुखता से रखी जाये. उन्होंने कहा कि इस समय संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को बचाना एक प्रमुख चुनौती. राष्टीय जनता दल के नेता डॉ नवल किशोर ने कहा कि घोषणा पत्र एक रूपरेखा है जिसके आधार पर पार्टियाँ सत्ता में आने के बाद अपनी नीतियाँ बनती है.
उन्होंने कहा की हमारी पार्टी जनता के मुद्दों को प्रमुख विपक्षी दल के रूप में हमेशा उठाती रही है. बिहार प्रदेश कांग्रेस की ओर से बोलते हुए सौरभ सिन्हा ने कहा कि राजनैतिक दलों का चुनावी घोषणाओं के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सत्ता में आने के बाद अपनी घोषणाओं को जमीन पर लागू कर दिखायेगी. सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) की ओर से बोलते हुए कामरेड आरएन ठाकुर ने कहा कि मौजूदा समय चुनौतियों भरा है. जनता के असली मुद्दे चुनावी चर्चा का विषय नहीं बना पा रही है. हमारी पार्टी जनता के इन मुद्दों का समर्थन करती है. बिहार प्रदेश भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता राम बाबू कुमार ने कहा कि इस जन घोषणा पत्र में जनता के मुद्दों के प्रति हम संवेदनशील है और इस प्रयास का समर्थन करते है.
इस अवसर पर सामाजिक संगठनों की ओर से बोलते हुए विजय प्रताप ने कहा कि जनता के मुद्दे के प्रति राजनैतिक दलों को संवेदनशील बनाने में जन संगठनों की बड़ी भूमिका रही है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए अजय झा ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया गैर राजनैतिक और किसी भी राजनैतिक दल से असम्बद्ध रही है. इस प्रक्रिया का मूल प्रयास जनता के सही मुद्दों को बिहार चुनाव में राजनैतिक पार्टियों और उम्मीदवारों तक पहुँचाना रहा है. इस अवसर पर महेंद्र यादव, शाहिद कमाल, वंदना शर्मा, संतोष उपाध्याय और मकेश्वर रावत ने इस जन घोषणा पत्र के प्रमुख मांगों को लोगों के समक्ष रखा.