पशुपति पारस बोले- मैं ही रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी, उनके ही आदेश पर लड़ा हाजीपुर से चुनाव

पटना। बिहार विधान परिषद के सभागार में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपने बड़े भाई रामविलास पासवान पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि ‘ 2019 में रामविलास पासवान जी ने मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़वाया। हाजीपुर की जनता की सेवा के लिए चुना। मैंने उनका आदेश माना और बिहार सरकार का मंत्रिपद छोड सांसद बना। मैं रामविलास जी का उत्तराधिकारी हूं।

उन्होंने आगे कहा, ‘ यह गौरव कि बात है कि एक परिवार के 5 लोग देश के सदनों में पहुंचे। रामविलास पासवान जी ने समाज के सबसे गरीब व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने की राजनीति की। हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से रामविलास पासवान जी को अपना उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण जी घोषित किया था तब उनकी पार्टी ने उन्हें वहां से लड़वाया और रामविलास जी ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया। बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की तस्वीर सेंट्रल हॉल में लगवाने का काम, बाबा साहेब को भारत रत्न दिलवाने का काम और उनकी जयंती पर छुट्टी दिलवाने का काम किया रामविलास पासवान जी जे किया था।’ पासवान जी जे रेलवे मंत्री के रूप में बहुत उल्लेखनीय काम किया है।

पासवान जी कहते थे कि अमीर गरीब की लड़ाई हो तो गरीब का साथ देना, मर्द और औरत की लड़ाई हो तो औरत का साथ देना और जब हिन्दू मुसलमान का झगड़ा हो तो मुसलमान का साथ देना चाहिए। पासवान जी की सक्रियता से मंडल कमीशन लागू हो पाया।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर केंद्रित एक कार्यक्रम 29 जुलाई को बिहार विधान परिषद, पटना के सभागार में हुआ। इस अवसर पर ‘ रामविलास पासवान : हाशिये का नेतृत्व’ विषय पर परिचर्चा होगी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि ‘रामविलास पासवान बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के अनुरूप राजनीति करते थे। वे सबका साथ लेकर राजनीति करते थे। बाबा साहेब अम्बेडकर भी समझते थे कि वे सिर्फ दलितों के समर्थन से राजनीति नहीं कर सकते। उन्होंने लोहिया जी से पत्राचार कर साथ लड़ने का प्रस्ताव किया था। उसके बाद बाबा साहेब का महापरिनिर्वाण हो गया। रामविलास पासवान जी उसके बाद उसकी शृंखला में राजनीति करते थे। वे वंचितों की आवाज थे। वे सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश के नेता थे।’ आठवले ने रामविलास पासवान के साथ अपने लंबे साथ का जिक्र किया।’

इस अवसर पर पूर्व मंत्री संजीव प्रसाद टोनी ने कहा कि रामविलास पासवान गरीबों की लड़ाई लड़ते थे, इसलिए हम राविलास जी हमारे नेता रहे हैं। इस किताब के लिए संजय पासवान और अदिति नारायणी को बधाई देते हैं।

विधायक इंजीनियर ललन कुमार ने कहा कि 1970 में रामविलास पासवान जी समान शिक्षा की मांग करते रहे थे। जब सबके बच्चे एक साथ समान स्कूल में समान पढ़ाई करें तभी रामविलास पासवान जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अध्यक्षता करते हुए किताब के संपादक संजय पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान हमारे समाज, राज्य और देश के नेता थे। उन्होंने पूरी दुनिया में पासवान समाज का मान बढ़ाया।। उनके बाद पशुपति पारस उनकी विरासत लेकर चलेंगे। स्त्रीकाल के संपादक संजीव चंदन, व असिस्टेंट प्रोफेसर दीपनारायण श्रवण ने भी संबोधित किया। संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुनीता करेंगी।

परिचर्चा के केंद्र में थी द मार्जिनलाइज्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित भारत के राजनेता सीरीज की किताब ‘ सदन में रामविलास पासवान, प्रतिनिधि भाषण’ । संजय पासवान और अदिति नारायणी इस किताब के संपादक हैं। इसका लोकार्पण रामविलास जी की जयंती पर 5 जुलाई को राज्यपाल भवन में बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने किया था। द मार्जिनलाइज्ड पब्लिकेशन ने अबतक 6 नेताओं के भाषणों की क़िताब प्रकाशित कर चुका है। इस सीरीज में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, सीपीआई के महासचिव डी राजा, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, राज्य सभा के पूर्व सांसद अली अनवर के प्रतिनिधि भाषणों की किताब प्रकाशित हो चुकी है। इस अवसर पर ‘ अन्वेलिंग इंडियाज सोशल वॉयसेज’, ;लेखक बिपिन कुमार का लोकार्पण हुआ।