जाने-सिविल सोसाइटी की पहल पर कैसे ‘बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार’

पटना(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट(सीड) द्वारा सिविल सोसाइटी कंसल्टेशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ‘डेलीवेरिंग प्रॉमिसेज: एनर्जाइजिंग बिहार थ्रू रिन्यूएबल्स’ विषय पर चर्चा की गयी। आयोजन का मकसद गत विधानसभा चुनाव में अक्षय ऊर्जा और सततशील विकास से संबंधित किए गए वायदों को पूरा करने और विकेंद्रीकृत अक्षय ऊर्जा(डीआरई) रोडमैप के क्रियान्वयन पर जोर देना था। चुनाव के दौरान क्लाइमेट चेंज एक मुख्य मुद्दा था और इसी अनुरूप सभी राजनीतिक दलों ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने और कोविड-19 महामारी के बाद सुस्त हुई राज्य अर्थव्यवस्था को बेहतर करने में अक्षय ऊर्जा आधारित समाधानों की भूमिका को देखते हुए इससे जुड़े वायदे और संकल्प किए थे। यह कंसल्टेशन एक सिटिजन कैंपेन ‘बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार’ का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बिहार की समग्र विकास रणनीतियों में डीआरई समाधानों को केंद्र बिंदु बनाना है। इस कंसल्टेशन में राज्य में सततशील विकास सुनिश्चित करने के लिए डीआरई रोडमैप फ्रेमवर्क पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान ने कहा कि “राज्य सरकार चुनावी घोषणापत्र में लिए गए संकल्पों पर गंभीर है। हम उन्हें धरातल पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार ने ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ और ‘सात निश्चय-2 के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, जहाँ हर गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट, हर खेत को सिंचाई की सुविधा, सभी गांवों और कस्बों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन और इसी तरह के कई सततशील कदम उठाए जा रहे हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए हम स्वच्छ ईंधन आधारित ट्रांसपोर्ट सिस्टम के व्यापक क्रियान्वयन पर कार्य कर रहे हैं ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार हो। स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से बिहार को विकसित और समृद्ध राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता सूची में शामिल है।

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इस अवसर पर सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट(सीड) के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि हम सभी राजनीतिक दलों की सराहना करते हैं, जिन्होंने अपने वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठ कर सर्वसम्मति से चुनाव में डीआरई समाधानों पर महत्वपूर्ण वायदे और संकल्प किए। चूंकि अब राज्य में नई सरकार बन चुकी है, इसलिए यह सही समय है कि बिहार को हर क्षेत्र में विकसित बनाने के लिए सुपरिभाषित और समयबद्ध डीआरई रोडमैप बने और इस पर ठोस पहल हो, ताकि जनता से किए गए वायदों को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग राज्य सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि वह मजबूत इच्छाशक्ति दिखाए और बिहार को डीआरई के मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान दिलाए। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों और कोविड-19 महामारी के संकट से निकालने के लिए बिहार को एक नए विजन रोडमैप की आवश्यकता है, जिसमें डीआरई मिशन, क्लीन एयर फ्रेमवर्क, कृषि क्षेत्र का सौरकरण, सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट मिशन, हेल्थकेयर के लिए सोलर मिशन पर ठोस पहल की जाए, ताकि नए रोजगार और आजीविका सृजन से बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हों और तीव्र आर्थिक विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

कंसल्टेशन के दौरान इस बात पर भी सर्वसम्मति बनी कि सभी विभागों के बीच एक स्पष्ट विजन के साथ कन्वर्जेन्स हो और नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण हो, ताकि सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ लेते हुए सभी क्षेत्रों में डीआरई का राज्यव्यापी विस्तार किया जा सके। कंसल्टेशन के विभिन्न सत्रों में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान, हस्क पावर सिस्टम्स के कंट्री डायरेक्टर सौगत दत्ता, कौशल्या फाउंडेशन के संस्थापक कौशलेन्द्र कुमार, कुर्जी हौली फैमिली अस्पताल की चिकित्सक डॉ. मीना सामंत, आरई डेवलपर के प्रतीक चैरसिया, , एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड के बिहार प्रमुख राकेश प्रताप सिंह और राज्य के प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, नागरिक समूहों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।