बिहार में बिजली की कीमतों को बढ़ाने की तैयारी में कंपनी, नीतीश सरकार के सहयोगी सीपीआई ने ही किया विरोध

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बिजली कंपनियों द्वारा बिजली की कीमत में 40 फीसद बढ़ाने के प्रस्ताव की तीखे शब्दों में निंदा की है। उन्होंने राज्य सरकार से बिजली कंपनियों के प्रस्ताव नहीं मानने की मांग की है।

सीपीआई(CPI) के राज्य सचिव ने कहा कि बिहार में पहले से ही उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिल रही है। इसके बाद भी बिजली की कीमत में 40 फीसद की बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं के जेब पर असर पड़ेगा। जनता पहले से ही महंगाई से त्रस्त है। इससे और महंगाई उत्पन्न होगी। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार अपने मित्रों से विदेश से कोयला मंगवाते हैं और ऊंची कीमत पर बिजली कंपनियों (power companies) को उपलब्ध कराते हैं।

Ram Neresh Pandey CPI Bihar

केंद्र सरकार ने बिजली कंपनियों को विदेश से आने वाले कोयला के इस्तेमाल के लिए भी बाध्य कर दिया है। जिसका असर बिजली के उत्पादन पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी विदेश से कोयला का आयात भी करते हैं बिजली का उत्पादन भी करते हैं। देश में सबसे महंगी बिजली अडानी की ही होती है। बिहार सरकार भी अडानी की कंपनी से बिजली खरीदती हैं। जिस कारण बिहार के उपभोक्ता को महंगी बिजली खरीदने पर बाध्य होना पड़ रहा है।

राज्य की जनता पहले से ही स्मार्ट मीटर का विरोध कर रही है। स्मार्ट मीटर से महंगी बिजली मिल रही है। अगर फिर से 40 फीसद बिजली की कीमत में बढ़ोतरी की गई तो इसका असर आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत पर भी पड़ेगा और राज्य की जनता बिजली का इस्तेमाल करना छोड़ देगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि बिजली कंपनियों ने जो प्रस्ताव विनियामक आयोग को सौंपा है, उसे राज्य सरकार जनहित में खारिज करें।

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