औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद सदर अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में बुधवार को एक महिला के नवजात शिशु की चोरी का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
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पीड़िता शिलांती देवी रफीगंज के दिनेश चंद्रवंशी की पत्नी है। बताया जाता है कि प्रसव के बाद अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में महिला बेड संख्या-11 पर मेडिकल सुपरविजन में थी। बच्चे को दूध पिलाने के बाद महिला ने नवजात शिशु को अपने बगल में लिटा रखा था। परिजन कुछ सामान लाने के लिए अस्पताल परिसर से बाहर गए थे। इसी दौरान एक महिला वार्ड में पहुंची। उसने खुद को आशा कार्यकर्ता बताया। वैक्सिन दिलाने के नाम महिला से बच्चा लिया और बच्चें को लेकर चली गई।
काफी देर तक जब वह महिला नही लौटी और परिजन पहुंचे तो खोजबीन करने लगे। तब जाकर साफ हो गया कि महिला आशा कार्यकर्ता नही बल्कि बच्चा चोर थी और बच्चा चोरी हो गया है। बच्चा चोरी के बाद बच्चें की मां और परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है। वही इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना है कि बच्चा चोरी नही हुआ है बल्कि कोई छीन कर भाग गया है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेवार नही है।
हालांकि निःसंदेह यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। अस्पताल प्रशासन को मामले से पल्ला झाड़ने के बजाय न केवल घटना की जिम्मेवारी लेनी होगी बल्कि पुलिस का सहयोग लेकर बच्चें को बरामद कराना और उसे उसकी मां व परिजनों को सही सलामत सुपुर्द करना भी सदर अस्पताल प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है। इस घटना के आशय साफ है कि अब सदर अस्पताल मेें बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह का पर्दफाश करना अस्पताल प्रशासन और पुलिस की जिम्मेवारी है।