एनडीए के साथ जाएंगे मांझी, पीएम मोदी व सीएम नीतीश का हाथ करेंगे मजबूत

पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा अब एनडीए के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। 3 सितंबर को इसकी विधिवत घोषणा हो जाएगी। महागठबंधन से नाराज चल रहे मांझी ने हाल ही में अपनी पार्टी को महागठंधन से अलग करने की घोषणा की थी। इसके बाद से हीं उनके एनडीए के साथ जाने की अटकलें लगने लगी थी। अब उनके पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बुधवार को कहा कि देश की प्रगति व बिहार के विकास के लिए उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बनेगी।

3 सितंबर यानि गुरुवार को उनकी पार्टी एनडीए में शामिल होगी। बता दें कि पिछले दिनों जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। इसके बाद 2 सितंबर यानि आज पार्टी की अहम बैठक बुलाई थी जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया। आज पार्टी प्रवक्ता ने एनडीए के साथ जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया। महागठबंधन छोड़ने के बाद कहा जा रहा था कि मांझी अपनी पार्टी का विलय जदयू के साथ करेंगे। उनके प्रवक्ता ने कहा कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए के साथ जाएगी, पार्टी का विलय नहीं होगा।

बता दें कि जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हीं वर्ष 2014 में अपने इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था। बाद में वर्ष 2015 में मांझी अपने करीब 10 समर्थक विधायक व मंत्रियों के साथ वे जदयू को छोड़ अपनी पार्टी बना लिए थे।

वर्ष 2015 के विधानसभा का चुनाव भी मांझी ने एनडीए के साथ लड़ा था। लेकिन बाद में नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद वे एनडीए से अलग होकर महागठबंधन का हिस्सा बने। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव वे महागबंधन के साथ हीं लड़े। इस गठबंधन में उन्हें 3 लोकसभा की सीटें दी गई थी लेकिन तीनों पर उनके उम्मीदवार व स्वयं मांझी चुनाव हार गए थे। चुनावी हार के बाद से हीं वे महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग कर रहे थे। लेकिन राजद उन्हें तब्बजों नहीं दे रहा था।

बताया जाता है कि राजद के द्वारा तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार की घोषणा किए जाने से भी मांझी नाराज थे। वे किसी भी कीमत पर तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पसंद नहीं कर रहे थे। जिसके बाद उन्होंने महागठबंधन से नाता तोड़ने का फैसला लिया। अब एनडीए में जाने बाद उनकी पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन कहा जा रहा है कि बड़े नेता उनके साथ जदयू छोड़े थे और अभी साथ हैं वो सीटें मांझी के लिए भाजपा-जदयू छोड़ सकती है। सीटों के बटवारे को लेकर मांझी के पार्टी के प्रवक्ता दानिश कहते हैं कि उनके लिए सीटें मायने नहीं रखता।