तीनों कृषि कानून रद्द करने को लेकर राज्यभर में महागठबंधन ने बनाया मानव शृंखला

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर पूरे बिहार राज्य में महागठबंधन के दलों – राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और माले के संयुक्त तत्वाधान में राज्यव्यापी मानव शृंखला बनाकर किसान आंदोलन के समर्थन में और तीनों किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए बिहारवासियों के संकल्प का इजहार किया गया। पटना समेत राज्य के सभी 38 जिलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर सैकड़ों स्थलों पर गांवों से लेकर शहरों तक मानव शृंखला में हिस्सा लिया और काले कानूनों की वापसी तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

राजधानी पटना की हृदयस्थली पटना जंक्शन के निकट स्थित बुद्धस्मृति पार्क से गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर तक फैली मानव शृंखला का नेतृत्व महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, भाकपा राज्य सचिवमंडल के सदस्य रामबाबू कुमार, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार और माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत उक्त दलों के शीर्ष नेताओं ने किया। हजारों की संख्या में राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा एवं माले के कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। अलावे, पटना साहिब, फुलवारीशरीफ, दीघा आदि महानगरी क्षेत्रों में भी अलग-अलग मानव शृंखला आयोजित की गयी।

आज आयोजित मानव शृंखला में शामिल लोगों ने एक नया नारा दिया – ‘काले काूनन वापस लो, नहीं तो सात रेसकोर्स खाली करो’ और ऐलान किया कि संघी लालों की घुसपैठ कराकर किसान आंदोलन को बदनाम करने और संघर्षरत किसानों का दमन करने की साजिष चलती रही तो किसानों के साथ-साथ महागठबंधन समेत अन्य विपक्षी दल मिलकर नरेन्द्र मोदी से प्रधानमंत्री आवास (7-रेसकोर्स) खाली कराने तक निर्णायक संघर्ष जारी रखेंगे।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने किसानों की मांगों और आंदोलन के समर्थन में आयोजित बिहार व्यापी मानव शृंखला को शानदार सफलता दिलाने के लिए समस्त बिहारवासियों विशेषकर राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और माले कार्यकर्ताओं को बधाई दी जिनके अथक प्रयासों से महागठबंधन का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम संभव हो पाया। आगे भी महागठबंधन की ओर से बड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे और तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ बिहार में कृषि उत्पादन बाजार समितियों को पुनर्जीवित करने तथा शत-प्रतिशत धान की सरकारी खरीद की गारंटी की मांग की जायेगी।