पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो )। विशेष निगरानी इकाई, पटना ने मणि रंजन, सब-रजिस्ट्रार, समस्तीपुर के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति जमा करने का मामला दज किया है। उन पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने नजायज ढ़ग से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्त्रोता की तुलना में बहुत ही अधिक है।
इसी आरोप पर उन पर कुल रू० 1,62,36,962/- गैरकानूनी और नाजायज ढ़ग से अर्जित संपत्ति करने के कारण एस.भी.यू. कांड संख्या-06/2021 under section 13(1)(b) r/w 13(2) r/w 12 of PC Act 1988 and 120(B) दर्ज किया गया है।
अभियुक्त के खिलाफ तीन जगह पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में छापेमारी चल रही है पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान लगभग रू० 60 लाख नगद, 32 लाख रू० का एक फ्लैट का दस्तावेज, पत्नी सुनिता के नाम पर 5.5 लाख रू० का एक प्लॉट, 1.5 करोड़ रू० का 2.5 कट्ठा जमीन, ससुर के नाम एक फ्लैट पटना में अभियुक्त द्वारा अर्जित किए गए।
अर्जित सम्पत्ति में कई लाख की ज्वेलरी, फिक्स डिपोजिट, भारतीय जीवन बीमा एवं रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है। अभियुक्त के पास कई पास-बुक जिसमें एस.बी.आई. आई. सी.आई.सी. बैंक, इंडियन बैक, सेन्ट्रल बैक, स्टैंर्ड चार्टड बैक, कई फिक्स डिपोजिट, प्रिमियम 5 लाख रू० का भारतीय जीवन बीमा, टाटा फायनांस, आई.सी.आई.सी.आई., एच.डी.एफ.सी. में तथा रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है। प्राप्त कागजातों से प्रथम दृष्ट्या प्राथमिकी में लगाए गए आरोप की पुष्टी होने के साथ यह भी पता चला है कि उनके द्वारा अर्जित की गई सम्पत्ति लगाये गये आरोप से लगभग दोगुना है।अभियुक्त के समस्तीपुर आवास से रू० 1.5 लाख नगद, एवं जमा रू० 8 लाख का कागजात, कुछ गाड़ी जिसमें Scorpio, Manza Car, Honda Amaze, Tata Nexon मिला है।
अभियुक्त का मुजफ्फपुर आवास से रू० 12 लाख नगद बरामद एवं बह्मपुरा में करोड़ों रू० का 21 कमरे का बिनायक होटल 2019 से बन रहा है जो Final Stage में है, पारसमॉल में 22 लाख का दुकान जिसमें दो सैलून चल रहा है। एक कम्पनी जगुसाह नाम से चल रहा है। कटिहार में 3 प्लॉट तथा 3 दुकान जहाँ वह पदस्थापित थे वहाँ करोड़ो रूपये का पत्नी एवं रिश्तेदारों के साथ निवेश तथा फर्जी कम्पनी बनाकर काले कमाई का वैद्य किये जाने की कोशिश भी की है। यहाँ तक कि अपने ड्राईवर के नाम इनकम टैक्स रिटर्न रू० 2 लाख का भरते आ रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार अबतक इस बात के प्रमाण मिले है कि अभियुक्त ने अपने और अपने परिजनों के नाम करोड़ों रूपये का निवेश किया है। सबसे अधिक निवेश उनके कटिहार पदस्थापन के दौरान किया गया है जिसपर की आगे अनुसंधान किया जायेगा। अग्रतर अनुसंधान में कई अवैध धनार्जन से सम्बन्धित जानकारी मिलने की संभावना है।
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