- सभी परियोजना से मांगी गई है वाटिका के लिए उपलब्ध जमीन की रिपोर्ट
- सरकार के द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे फल, फूल और सब्जियों के बीज
बक्सर(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। बक्सर जिले के सभी सरकारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाने के कार्य में तेजी आई है। इस संबंध में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) निदेशालय के सहायक निदेशक ने इसके लिए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है। जिसके आधार पर सभी परियोजना कार्यालय से वाटिका के लिए उपलब्ध जमीन की रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके बाद केंद्रों की जमीन पर बागवानी के लिए वाटिका लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
वाटिका के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत 100 वर्गफ़ीट भूमि होनी चाहिए। जहां पर फल व सब्जियों की बागवानी की जा सके। आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े बच्चों को पोषाहार में ताजा फल तथा सब्जी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभाग ने पोषण वाटिका को विकसित करने का फैसला लिया है। वाटिका में उगाई जाने वाली सब्जियां पूरी तरह से जैविक होंगी जो उत्पादित फल और सब्जी बच्चों के बीच वितरित की जाएगी।
मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर बनाई गई है वाटिका :
डीपीओ तरणि कुमारी ने बताया पोषण अभियान के अंतर्गत लाभार्थियों व परिवारों में दैनिक भोजन में सूक्ष्म पोषण तत्वों की कमी की पूर्ति एवं आहार विविधता के माध्यम से खाद्य व पोषण सुरक्षा के लिए पोषण वाटिका की स्थापना की जानी है। पत्र के अनुसार पहले चरण के अनुसार जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपनी भूमि है, वहीं पर वाटिका का काम शुरू किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में अन्य केंद्रों पर वाटिका के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। हालांकि, जिले के सभी मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन, अब विभाग ने इसे और भी व्यापक करने का निर्णय लिया है। ताकि, शेष आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण क्षेत्र के लाभुक भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
सेविकाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण :
पोषण मिशन के जिला समन्वयक महेंद्र कुमार ने बताया पोषण वाटिका के लिए सेविकाओं को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान पोषण वाटिका निर्माण संचालन एवं उसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी के साथ-साथ खाद्य विविधता के महत्व एवं पोषक तत्व के बारे में भी विस्तृत रूप से कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया इस योजना के विकसित हो जाने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थी ही नहीं, बल्कि आंगनबाड़ी सेविका के स्वयं अपने परिवार को पोषण युक्त आहार उपलब्ध की कमी को दूर कर सकते हैं। बताया कि जल्द ही चिह्नित आंगनबाड़ी सेविका को प्रशिक्षित कर पोषण वाटिका का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।