नई दिल्ली(विद्या भूषण शर्मा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में एक बार फिर किसानों के आंदोलन को लेकर अपनी बातों को रखा और कहा कि MSP था, है और आगे भी रहेगा। एमएसपी खत्म नहीं होने वाली है और मंडिया पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक बनेंगी। पीएम ने कहा कि देश में आंदोलनजीवियों की नई जमात पैदा हो गई है जो कहीं भी चल रहे आंदोलनों में जाकर बैठ जाती है। चाहे वह छात्रों का आंदोलन हो, किसानों का आंदोलन हो या मजदूरों का ये सभी जगह मिल जाते हैं और उन्हें बरगलाते हैं। देश को ऐसे आंदोलनजीवी से बचने की जरूरत है।
मोदी ने सोमवार को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से अपना आंदोलन समाप्त कर कृषि सुधारों को एक मौका देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह समय खेती को ‘‘खुशहाल’’ बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि किसान आंदोलन की बहुत चर्चा है। ज्यादा से ज्यादा बातें आंदोलन के संबंध में बताईं गईं, लेकिन किस बात पर आंदोलन है, उस पर सब मौन हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होने वाली है और मंडिया पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक बनेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं कि मंडिया और आधुनिक होंगी। एमएसपी थी, है और रहेगी। 80 करोड़ से अधिक लोगों को सस्ते में राशन मिलता रहेगा। हमारे कृषि मंत्री ने बहुत अच्छे ढंग से चर्चा की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मेहरबानी कर देश में भ्रम न फैलाएं। हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं कि समाधान का हिस्सा बनने चाहते हैं। समस्या का हिस्सा बनने पर राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन समाधान का माध्यम बनते हैं तो राष्ट्रनीति को चार चांद लग जाता है। हम नीतियों को भी बदलेंगे और परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कानून में कुछ समय बाद सुधार होते रहे हैं और अच्छे सुझावों को स्वीकार करना तो लोकतंत्र की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ आगे बढना चाहिए। मैं आप सब को निमंत्रण देता हूं कि देश को आगे ले जाने के लिए साथ आएं। कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, देश को आगे ले जाना होगा।’’
मोदी ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं और अभी तक वार्ता में कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘एक दूसरे की बात को समझने, समझाने का प्रयास चल रहा है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के दूसरे विकल्पों पर भी काम करना होगा। किसान के परिवार के लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए काम करना होगा। हम अगर अपने ही राजनीतिक समीकरणों में फंसे रहेंगे तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में जब वो सदन में पहली बार आए थे तो पहले भाषण में कहा था – मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। हमने तब से दिशा नहीं बदली है। देश के आगे बढ़ने के लिए गरीबी से मुक्त होना ही होगा। प्रयासों को जोड़ते ही जाना है। गरीब के मन में आत्मविश्वास भर गया तो गरीब किसी की मदद का मोहताज नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना बड़ा देश है और जब भी कोई नई चीज आती है तो थोड़ा बहुत असमंजस होता है, हालांकि असमंजस की भी स्थिति थोड़ी देर होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हरित क्रांति के समय जब कृषि सुधार हुए तब भी ऐसा हुआ था। आंदोलन हुए थे। लाल बहादुर शास्त्री जी प्रधानमंत्री थे और कैबिनेट में भी विरोध के स्वर उठे थे। लेकिन शास्त्री जी आगे बढे। उन पर अमेरिका के इशारे पर चलने के आरोप लगे। कांग्रेस के नेताओं को अमेरिका का एजेंट तक करार दिया गया था। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में समस्याएं हैं और इन समस्याओं का समाधान सबको मिलकर करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि अब समय ज्यादा इंतजार नहीं करेगा, नये उपायों के साथ हमे आगे बढना होगा।’’