‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी बोले- ‘कोरोना को लेकर वैज्ञानिक सलाह को दें प्राथमिकता, अफवाहों से रहें दूर’

नई दिल्ली(विद्या भूषण शर्मा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रविवार को मन की बात कार्यक्रम केवल कोरोना महामारी पर केन्द्रित रहा। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से कोरोना को लेकर वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देने, संक्रमण से खुद का बचाए रखने और जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की अपील की।

इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे केंद्र सरकार के मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। साथ ही उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि कोरोना की मुफ्त वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा।

वैक्सीन को लेकर किसी भी अफवाह में न फंसें

उन्होंने कहा, कोरोना के इस संकट काल में वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए उनका आग्रह है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी अफवाह में न आएं। भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को फ्री वैक्सीन भेजी गई है। इसका लाभ 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग ले सकते हैं। अब तो एक मई से देश में 18 साल के ऊपर के हर व्यक्ति के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने वाली है। अब देश का कॉरपोरेट सेक्टर और कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के अभियान में भागीदारी निभा पाएंगी।

पीएम मोदी ने डॉक्टरों, नर्सों, एम्बुलेंस ड्राइवर व कोरोना मरीजों से की बातचीत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान डॉक्टरों, नर्सों, एम्बुलेंस ड्राइवर, कोरोना मरीजों से भी बातचीत की और उनके अनुभवों को देश के सामने रखा। प्रधानमंत्री ने पहले डॉक्टर शशांक जोशी से कोरोना के बारे में बातचीत की। उनके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को समझाने की कोशिश की कि दूसरी लहर से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने देशवासियों को सही स्रोतों और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

वैक्सीन को लेकर कई गलत धारणाएं आई सामने

प्रधानमंत्री से बातचीत में जम्मू-कश्मीर से डॉ. नावीद नाजीर शाह ने कहा कि कोरोना से केवल बचाव ही कारगर उपाय है। इसके लिए कोविड उचित व्यवहार का पालन करें और वैक्सीन लें। वैक्सीन को लेकर कई गलत धारणाएं सामने आ रही हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।

कोरोना योद्धाओं के संघर्ष, अनुभव से लोगों को कराया परिचित

नर्सों से बातचीत के माध्यम से प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के संघर्ष, अनुभव से लोगों को परिचित कराया। साथ ही उनके माध्यम से यह भी बताया कि हमें कोरोना योद्धाओं और मरीजों के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। रायपुर की डॉ. अम्बेडकर अस्पताल की नर्स भावना ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने में अपने और सभी नर्सों के योगदान को साझा किया। वहीं नर्स सुरेखा ने सकारात्मक सोच रखते हुए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, टीकाकरण पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

एम्बुलेंस ड्राइवर प्रेम वर्मा के कर्तव्य परायण व्यवहार की प्रधानमंत्री ने की प्रशंसा

इस दौरान प्रधानमंत्री एम्बुलेंस ड्राइवर प्रेम वर्मा से भी बात की। प्रेम ने बताया कि उनकी मां काफी घबराई हुई हैं और उनसे नौकरी छोड़ने को कह रही हैं। उन्होंने अपनी मां से कहा है कि वह नहीं करेंगे तो संकट में कौन यह काम करेगा। उनके कर्तव्य परायण व्यवहार की प्रधानमंत्री प्रशंसा की। साथ ही कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई एम्बुलेंस ड्राइवरों, लैब तकनीशियनों और ऐसे अन्य व्यक्तियों के प्रयास के बिना अधूरी होगी।

अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दी महावीर जयंती की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने इस दौरान कोविड महामारी के दौरान मदद के लिए आगे आने वाले सभी व्यक्तियों और संगठनों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यों समाज की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं। साथ ही समाज की शक्ति भी बढ़ा रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को महावीर जयंती की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर हमें तप और आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही उन्होंने आगामी बुद्ध पूर्णिमा, गुरु तेग बहादुर प्रकाश उत्सव और टैगोर जयंती का उल्लेख किया और कहा कि सभी महापुरुषों ने हमें कर्तव्य निभाने की शिक्षा दी है। उन्हें आशा है कि संकट से मुक्त होकर देश फिर तेजी से आगे बढ़ेगा।