पटना(लाइव इंडिया न्यूज़ 18 ) पीएम मोदी (PM Modi) की बिहार विधान सभा चुनाव में एंट्री हो गई है. सासाराम में रैली (Sasaram rally) करते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने सबसे पहले पूर्व मंत्री राम विलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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– पीएम ने भोजपुरी में कहा,’ कि बिहार के स्वाभिमानी और मेहनती भाई बहन आप सभी के परनाम. बिहार ने अपने 2 सपूतो को खोया है. दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले रामविलास पासवान जी को श्रद्धांजलि. बाबू रघुवंश प्रसाद जी भी हमारे बीच नहीं है, उनको भी श्रद्धांजलि. आज रोहतास के साथ-साथ आस-पास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैं. तकनीक के माध्यम से काफी साथी और NDA के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं. मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं.’
– पीएम ने कहा,’आज रोहतास के साथ-साथ आस-पास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैं. तकनीक के माध्यम से काफी साथी और NDA के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं. सबसे पहले तो मैं बिहार के लोगों को दो बातों के लिए बधाई देना चाहता हूं. पहली बधाई इस बात के लिए कि बिहार के लोग इतनी बड़ी आपदा का डटकर मुकाबला कर रहे हैं.’
– प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज बिहार कोरोना का मुकाबला करते हुए सारी सावधानियों के साथ लोकतंत्र का पर्व मना रहा है. दूसरी बधाई मैं बिहार के लोगों को इसलिए देना चाहता हूं क्योंकि चुनाव से इतने दिन पहले ही उन्होंने अपना स्पष्ट संदेश सुना दिया है मैंने बिहार के बहुत से लोगों के साथ करीब से काम किया है. उनसे बहुत कुछ सीखा भी है. एक बात जो बिहार के लोगों में बहुत अच्छी होती है, वो है उनकी स्पष्टता. वो कन्फ्यूजन में नहीं रहते, किसी भ्रम में नहीं रहते.’
– बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है. उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे. बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना. आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, जी सकता है.
आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे. जिन लोगों ने एक-एक सरकारी नौकरी को हमेशा लाखों-करोड़ों रुपए कमाने का जरिया माना, जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई, वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं.
– वो दिन जब सरकार चलाने वालों की निगरानी में दिन-दहाड़े डकैती होती थी, हत्याएं होती थीं, रंगदारी वसूली जाती थी, वो दिन जब घर की बिटिया, घर से निकलती थी, तो जब तक वापस न आ जाए माता-पिता की सांस अटकी रहती थी.
– कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनडीए सरकार ने काम किया है. जहां कभी गरीब का राशन, राशन की दुकान में ही लुट जाता था, वहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन मिला है.
– बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगे के खातिर शहीद हो गए, लेकिन भारत माँ का माथा नहीं झुकने दिया. पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद हुए, मैं उनके चरणों मे शीश झुकाता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. भारत के सम्मान बा बिहार, भारत के स्वाभिमान बा बिहार, भारत के संस्कार बा बिहार, संपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहार आत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार.
– शहरों में जो रेहड़ी, ठेला, चलाने वाले साथी हैं, उनके लिए भी बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है ताकि वो अपना काम फिर शुरु कर सकें. गरीब भूखा ना सोए, त्योहार ठीक से मना सके, दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है. इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई, मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई.
– देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं. देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं.
– जब देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे. मंडी और MSP का तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है.
– याद कीजिए, लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसे भ्रम फैलाया था. आज देश की जनता, देश के किसान, देश के नौजवान देख रहे हैं कि इन लोगों के लिए देशहित नहीं, दलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसलिए जब-जब, बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है, तब-तब ये तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं.
– इनका दुस्साहस देखिए! इतना कहने के बाद भी ये लोग बिहार के लोगों से वोट मांगने की हिम्मत दिखा रहे हैं. जो बिहार अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर देश की रखवाली के लिए भेजता है क्या ये उसकी भावना का अपमान नहीं है.
– जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं. ये फैसला हमने लिया, एनडीए की सरकार ने लिया. लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं. ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे हालत ये थी कि कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास बाबू जगजीवन राम जी ने 70 के दशक में किया था, वो इतने वर्षों में भी पूरी नहीं हुई थी. इस काम को NDA सरकार ही पूरा कर रही है.
– इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा. इनका ध्यान रहा है अपने स्वार्थों पर, अपनी तिजौरी पर. यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सड़क, पानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया.
-जब नीतीश जी इस खेल को भांप गए, ये समझ गए कि इन लोगों के साथ रहते हुए बिहार का भला तो छोड़िए, बिहार और 15 साल पीछे चला जाएगा तो उन्हें फैसला लेना पड़ा. बाद में 18 महीने क्या हुआ, ये आप भली-भांति जानते हैं.
इन 18 महीनों में परिवार ने क्या-क्या किया, कैसे-कैसे खेल किए, ये भी किसी से छिपा नहीं है.
-बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा, बिहार का मान-मर्दन किया.आपने बहुत विश्वास के साथ इन्हें सत्ता सौंपी थी, लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया.
– 2014 में प्रधानसेवक बनने के बाद मुझे नीतीश जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सिर्फ 3-4 वर्ष ही काम करने का मौका मिला है. बाकी तो यूपीए के साथ संघर्ष करने में बिहार का टाइम गया है. लेकिन इन 3-4 वर्षों में कहीं 3-4 गुना और कहीं पर तो 5 गुना तेजी से काम किया गया है.
– आज जल जीवन मिशन से हर घर जल पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है. इस मिशन का लाभ यहां इस क्षेत्र में रहने वाले हमारे हमारे आदिवासी भाई-बहनों को भी होगा.
– सुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
– ड्रोन की मदद से गांव के घर-घर की मैपिंग की जा रही है. सारी कार्यवाही के बाद गांव के लोगों को, हर एक नागरिक का उनके घर का, उनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है.
– भारत के गांवों में रहने वालों की स्वामित्व की दिक्कत को दूर करने की केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है. इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहा है.
– देश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुए, अब कोशिश होगी, मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकि कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाया जाएगा.
– बिहार में स्वरोजगार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. आज मुद्रा योजना से गरीबों को, महिलाओं को, युवा उद्यमियों को, दुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है. गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैं, उनको बैंकों से मिलने वाली सुविधा बढ़ाई गई है.
– आज छोटे किसानों, मछुआरों, पशुपालकों, सभी को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है. पीएम किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवारों के खाते में करीब 6 हजार करोड़ रुपये सीधे जमा कराए गए हैं.
– कनेक्टिविटी, NDA की डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता रही है. आज बिहार के करीब-करीब हर गांव तक सड़क पहुंच रही है. नेशनल हाईवे चौड़े हो रहे हैं. बिहार की नदियों पर आज एक के बाद एक नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं.
– अब देश में अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की सुविधा मिलने से युवा साथियों की परेशानी कम होगी.सरकारी भर्ती प्रक्रिया में जो सुधार किए जा रहे हैं, उसका लाभ भी बिहार के युवाओं को मिलने वाला है. इस क्षेत्र के बहुत से युवा एंट्रेंस एग्जाम के लिए बड़े शहरों का रूख करते हैं
– आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने के लिए फिर नीतीश जी की अगुवाई में सरकार बनाना जरूरी है. बिहार में भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी का गठबंधन यानी NDA की सरकार जरूरी है. बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, NDA की जीत जरूरी है.
RJD सरकार के कार्यकाल पर कसा तंज
उन्होंने राजद सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 15 साल पहले रहे कितना बुरा हाल था? अब बिहार की प्रगति के लिए योजनाए चलाई जा रही हैं. सीएम ने कहा कि पहले कितना अपराध था. सामूहिक नरसंहार , बुद्धिजीवियों का पलायन होता था. लेकिन उनकी सरकार ने इन अपराधों पर नियंत्रण किया.
बिहार में नई तकनीक पहुंचाने का वादा
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना से मृत्यु होने पर हर परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है. जब उन्हें काम करने का मौका मिला तो बिहार में अंधेरा था और आज हर घर में बिजली पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि आगे मौका मिलेगा तो हर गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाएंगे और हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुचाएंगे. उन्होंने वादा किया कि दोबारा सरकार बनने पर नई टेक्नोलॉजी की सुविधा गांवों तक पहुचाएंगे और युवाओं को इस नई तकनीक का प्रशिक्षण देंगे.
रैली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रैली में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सांसद डॉ संजय जायसवाल समेत कई नेता मौजूद रहे. कोरोना काल में पहली बार हो रही पीएम की इस सार्वजनिक रैली के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. रैली के प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग के अलावा सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है. सासाराम की इस रैली से बीजेपी के 12, JDU के 12 और VIP के 1 उम्मीदवार एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से पीएम की रैली से वर्चुअल रूप से जुड़े हैं.
गया और भागलपुर में भी पीएम की रैली
सासाराम के बाद पीएम दो और रैलियां होनी हैं. इनमें दूसरी रैली गया में हो रही है. इस रैली में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फं ललन सिंह, सुशील कुमार सिंह और चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी सहित अन्य नेता मौजूद हैं. जबकि बीजेपी के 9 , JDU के 6 और HAM के चार उम्मीदवार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल रूप से जुड़े हुए हैं.
पीएम मोदी शाम 3 बजे भागलपुर में रैली करेंगे
पीएम मोदी गया के बाद शाम 3 बजे भागलपुर की रैली को संबोधित करेंगे. इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडी के अन्य नेता मौजूद रहेंगे. इस रैली से बीजेपी के 10, JDU के 13 और HAM के एक उम्मीदवार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल रूप से जुडेंगे.
बीजेपी ने गुरुवार को जारी किया था संकल्प पत्र
बता दें कि बिहार चुनाव के लिए बीजेपी ने गुरुवार को अपना संकल्प पत्र जारी किया है. बिहार के लिए 5 सूत्र, एक लक्ष्य, 11 संकल्प का विजन बीजेपी ने रखा है और 19 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का वादा भी किया है. ऐसे में अपना विजन समझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये रैलियां कर रहे हैं.