पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। ‘‘कोरोना संकट की यह दूसरी लहर काफी गंभीर और भयावह है। यह संपूर्ण मानवता के लिए एक संकट की घड़ी है। हमें एक दूसरे की आलोचना में बिना समय गवाँयें आपसी एकजुटता के साथ आज इस संकट से उबरना है। पूरी मानवता आज दहशत में है। इस संकट से निबटने के लिए हम सब को सामूहिक प्रयास करने होंगे। हमें विश्वास है कि जनसहभागिता और सभी जन-प्रतिनिधियों के सहयोग प्राप्त करते हुए कोरोना-संक्रमण से उबरने में हम कामयाव होंगे।’’- उक्त विचार, महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने आज ‘बढ़ते कोरोना संक्रमण पर सर्वदलीय विमर्श’’ की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।

बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल चौहान ने कहा कि बेहतर एवं उत्कृष्ट स्वास्थ्य-सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील रही है। वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के फलस्वरूप उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए बिहार राज्य द्वारा स्वास्थ्य-सुविधाओं को और अधिक बेहतर एवं उत्तरदायी बनाने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दूसरे चरण के प्रारंभ से ही राज्य सरकार सतर्क एवं सजग है। कोविड-संक्रमण की रोकथाम हेतु ‘टेस्ट, ‘ट्रैक एवं ट्रीटमेन्ट’ की सफल रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में प्रत्येक दिन एक लाख से ज्यादा लोगों का टेस्ट कराया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूर्व से ही जांच की व्यवस्था बढ़ाने तथा इलाज हेतु उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए पुनः कोविड-संक्रमण से निपटने हेतु आवश्यक तैयारियाँ शुरू कर दी थी। प्रारंभिक दौर में राज्य के तीनों प्रमुख हवाई अड्डों-पटना, दरभंगा एवं गया के एयरपोर्ट पर अन्य राज्यों यथा-महाराष्ट्र, पंजाब एवं केरल से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 ‘निगेटिव प्रमाण-पत्र’ प्राप्त करने के पश्चात् ही एयरपोर्ट से बाहर आने की अनुमति की व्यवस्था लागू की गई। यह प्रमाण-पत्र नहीं होने की स्थिति में ‘रैपिड एन्टीजन किट’ के माध्यम से यात्रियों की तत्क्षण जाँच की व्यवस्था की गई। राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाली ट्रेनाें के संबंध में दैनिक रूप से सूचना प्राप्त कर इन ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की रैपिड ‘एन्टीजन किट’ के माध्यम से जांच की व्यवस्था की गई है।
सभी जिला पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि पंचायत स्तर पर माईकिंग के माध्यम से लोगों को टेस्ट के लिए अपील करें तथा कोविड बचाव के अनुकूल व्यवहार हेतु भी संबंधित जानकारी दें। पंचायती राज संस्थानों एवं नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से मास्क-वितरण की व्यवस्था की जा रही है। कोविड-19 पाॅजिटिव केस पाये जाने पर ‘कान्टेनमेंट जोन’ गठित करना एवं ‘कान्टेनमेंट जोन’ में शत-प्रतिशत जांच एवं अन्य अनुवर्ती कार्रवाई की व्यवस्था की गई है। राज्य में कोविड-19 जांच हेतु मांग आधारित एवं सघन व्यवस्था की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि दिनांक-14 अप्रैल 2021 तक बिहार में कुल 02 करोड़ 49 लाख 44 हजार 876 सैम्पलाें की जांच की गई है। कुल 03 लाख 01 हजार 304 संक्रमित व्यक्तियाें में से 2 लाख 70 हजार 550 व्यक्ति संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। इस प्रकार बिहार राज्य का रिकवरी-प्रतिशत वर्तमान में 89.79 प्रतिशत (नवासी दशमलव सात नौ प्रतिशत) है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी प्रतिशत 88.31 प्रतिशत (अठासी दशमलव तीन एक प्रतिशत) है। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य में अब तक कुल 01 हजार 675 व्यक्तियों की कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु हुई है। इस प्रकार बिहार में कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों में मृत्यु की दर 0.56 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय प्रतिशत 1.23 है।

राज्यपाल ने कहा कि आम जन को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहें हैं। ‘कोविड-19’ की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थिति का लगातार अनुश्रवण मुख्यमंत्री, बिहार द्वारा स्वयं किया जा रहा है। ‘कोविड-19’ के टीकाकरण में भी राज्य द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया गया है। ‘काविड-19’ टीकाकरण का संचालन स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा निर्गत दिशा-निदेर्शों के आलोक में चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। अभी हेल्थ केयर वर्कर, फ्रांन्ट लाइन वर्कर तथा 45 वर्ष से अधिक आयु-वर्ग के व्यक्तियों को टीका दिया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की राज्यपालों के साथ हुई बैठक में प्रदान किए गये मार्ग-दर्शन के अनुरूप मेरा सुझाव है कि कोरोना-संक्रमण के नियंत्रण तथा टीकाकरण के अभियान में हमें जन-सहभागिता भी सुनिश्चित करनी चाहिये। इस क्रम में रेडक्राॅस सोसाइटी, एनसीसी एवं एनएसएस के कार्यकत्ताओं सहित स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिये जाने पर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही कोरोना-संक्रमण के नियंत्रण के लिए शारीरिक दूरी बनाये रखने, मास्क का प्रयोग करने, स्वच्छता बनाये रखने, अन्य सरकारी निदेशों का पालन करने एवं टीकाकरण कराने के लिए आम जन को प्रेरित करने हेतु विभिन्न धर्मगुरुओं के माध्यम से अपील कराने पर भी विचार किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘इस अभियान को सफल बनाने में सभी राजनीतिक दलों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है और मैं विशेष रूप से आप सभी लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील कर रहा हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि आज की बैठक में आप लोगों के जो महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं, वे कोविड-संक्रमण की रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई में सहायक सिद्ध होंगे तथा इससे आगे की रणनीति तैयार करने में भी मदद मिलेगी।’’
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग-दर्शन तथा राज्य सरकार के परामर्श पर आहूत सर्वदलीय वर्चुअल बैठक में बहुमूल्य समय और सुझाव प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री द्वय, स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य मंत्री, नेता-प्रतिपक्ष सहित बैठक में शामिल विभिन्न दलों के नेतागण के प्रति आभार व्यक्त किया।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में प्राप्त सभी दलों के नेताओं के सुझावों पर गंभीरता से विचार करने के लिए शीघ्र ही ‘क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप’ की बैठक होगी। कल राज्य में जिलाधिकारियों से बातें होंगी एवं तदुपरान्त आवश्यक निर्णय लिए जायेंगे।
उक्त सर्वदलीय वर्चुअल बैठक में सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निबटने के क्रम में राज्य सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1 लाख से अधिक जांच प्रत्येक दिन करते हुए संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष के अनुभव तथा उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं को विकसित करते हुए हमने इस वर्ष कोरोना-संक्रमण से निबटने की तैयारी की है।
बैठक को संबोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दल अपने सामूहिक प्रयासों के माध्यम से कठिनतम समस्याओं का भी हल निकाल सकते हैं। उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि आज तमाम मतभेदों को भूलकर हमें कोरोना-संकट का मुकाबला करना चाहिये।
बैठक में नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सरकार से और अधिक तत्परता की अपेक्षा की तथा अपने कई सुझाव दिये। आज की सर्वदलीय वर्चुअल बैठक में जनता दल यू, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), विकासशील इंसान पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन, लोक जनशक्ति पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर अपने सुझाव दिये।
राजनीतिक दलों ने आरटीपीसीआर केन्द्र बढ़ाते हुए इसकी रिपोर्ट शीघ्र प्राप्त करने, ऑक्सीजन एवं वेन्टीलेटरों की पर्याप्त व्यवस्था करने, राज्य में लौट रहे मजदूरों के लिए रोजगार का प्रबंध करने, फ्रांट लाईन वर्कर के लिए पृथक डेडिकेटेड कोरोना हाॅस्पीटल चिन्हित करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
बैठक की शुरूआत में ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कोरोना-संक्रमण की दूसरी लहर का सामना करने के लिए की गई सरकारी तैयारियों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतीकरण बैठक के सभी प्रतिभागियाें के समक्ष दिया। बैठक में राज्यपाल के सचिव राॅबर्ट॰एल॰चोंग्थू ने स्वागत भाषण, धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन किया।