पटना। शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के 91वें शहादत दिवस के मौके पर जनशक्ति परिसर में आज एक विमर्श का आयोजन नव चेतन समिति की ओर से किया गया। विषय था भगत सिंह आज और कल। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों एवं कम्युनिस्टों की भूमिका को रेखांकित करते हुए शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहादत दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राष्ट्रीय सचिव अंजान ने कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई में कई धाराएं काम कर रही थी। इनमें प्रमुख थे – क्रांतिकारी धारा, कम्युनिस्ट धारा, किसान संघर्ष की धारा आदि। 1905 का वंगभंग आंदोलन, विरसा मुंडा, तिलका मांझी किसान आंदोलनों ने ब्रिटिष हुकूमत की चूलें हिला दी। उन्होंने कहा कि साइमन कमिषन का जोरदार विरोध हुआ जिसमें लाला लाजपत राय की जान गई। इसका बदला क्रांतिकारियों ने सोडर्स को मारकर लिया। अंत में अतुल कुमार अंजान ने कहा कि शहीद-ए-आजम के विचारों का अपना कर हमें देश की समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए।
अपने अध्यक्षीय भाशण में डाॅ. ब्रज कुमार पाण्डेय ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह का लक्ष्य देश को आजाद कराना और समाजवादी भारत बनाना था। कार्यक्रम के शुरू में शहीदें आजम भगत सिंह को पुष्पांजलि दी गई। समारोह की अध्यक्षता डाॅ. ब्रज कुमार पाण्डेय ने और संचालन राम बाबू कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष डा॰ ब्रज कुमार पाण्डेय ने किया।
अंत में का॰ रामबाबू कुमार ने घोषणा की कि देश के आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर नवचेतन समिति एक बड़ा आयोजन करेगी। भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) की ओर से किसानों की समस्याओं को लेकर ‘इप्टा के तनवीर अख्तर द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘केकेडी थ्री उर्फ तुम जिन्हें सड़कों पर ले आये हो’’ का मंचन किया जिसे दर्षकों ने काफी सराहा।