मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद सोन नहरों से सिंचित होनेवाले दक्षिण बिहार के आठ जिलों के किसान कर सकेंगे धान की खेती, इंद्रपुरी बराज से नहरों में छोड़ा जा रहा पहले से अधिक मात्रा में पानी

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मॉनसून आने के बावजूद बारिश नही होने से सुखाड़ की आशंका से सहमे दक्षिण बिहार के आठ जिलों के नहरी इलाकों के किसानों के लिए यह खबर राहत भरी है।

खबर यह है कि दक्षिण बिहार के आठ जिलो-कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल एवं पटना जिले किसानों के लिए लाइफलाइन मानी जानेवाली सोन नहरों में  आवश्यकता के अनुरूप पानी की सप्लाई की जा रही है तथा रोहतास के इंद्रपुरी बराज को रिहंद एवं वाणसागर डैम से पानी मिलने के बाद सोन नहरों में जलापूर्ति की मात्रा और बढ़ा दी गई है। इंद्रपुरी बराज के सूत्रों के मुताबिक सोन नद के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र स्थित रिहन्द जलाशय से वर्तमान में 13 हजार क्यूसेक से अधिक पानी प्राप्त हो रहा है। इसमे से 12,223 क्यूसेक पानी पश्चिमी व पूर्वी संयोजक सोन नहरों में छोड़ा जा रहा है। वाणसागर एवं रिहन्द जलाशय से पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त होने से वर्षा नही होने से धान की रोपनी को लेकर परेशान सोन नहरों पर निर्भर इन आठ जिलो के किसानों को राहत मिलेगी।

इस पानी से न केवल वे खेतों में धान की रोपनी कर सकेंगे बल्कि फिलहाल के पटवन की आवश्यकता के लिए यह पानी भी पर्याप्त होगा। सूत्रों ने बताया कि गुरूवार की शाम में भी इंद्रपुरी बराज के लिए वाणसागर से 11968 एवं रिहन्द डैम से 700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। दोनों डैम से इंद्रपुरी बराज के लिए पानी छोड़े जाने के बाद बराज से गुरूवार की शाम पश्चिमी संयोजक नहर में 8,921 एवं पूर्वी संयोजक नहर में 3755 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग के मॉनीटरिंग सेल के मुताबिक मध्य प्रदेश के वाणसागर जलाशय से इंद्रपुरी बराज तक पानी पहुंचने में सात दिनों का समय लगता है । वही उत्तरप्रदेश के रिहन्द जलाशय से यहां पानी आने 48 घंटे लगते है। इस तरह वाणसागर से सात दिन पहले छोड़ा गया और रिहन्द से दो दिन पूर्व छोड़ा गया पानी गुरुवार की शाम से इंद्रपुरी बराज में पहुंचने लगा है। बराज पर दोनों जलाशयों से छोड़ा गया  11129 क्यूसेक से अधिक पानी अभी प्राप्त हुआ है। इन्द्रपुरी बराज में दोनो डैम से पानी पहुंचते ही सोन नहरों में पानी आपूर्ति की मात्रा बढ़ा दी गई है। वर्तमान में मांग के अनुरूप बराज में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो रहा है। ऐसे में सोन नहरों से सिंचित होनेवाले इन आठ जिलों के हजारों हेक्टेयर खेतों तक पर्याप्त पानी पहुंचने में फिलहाल कोई बाधा नही है।