आयुष्‍मान भारत योजना के अंतर्गत 24 मार्च तक फ्री में बनेंगे गोल्डन कार्ड

प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए आज से अभियान शुरू कर रही है। अभियान का उद्देश्य प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में लोगों को जागरूक करना है। यह अभियान 24 मार्च तक चलेगा। इस अभियान के तहत उन लोगों के आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे, जिन्‍हें अब तक यह कार्ड नहीं मिले हैं।

उत्तर प्रदेश में इस अभियान के तहत मुफ्त आयुष्मान गोल्डन कार्ड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायत भवनों, आंगनबाड़ी केंद्रों और यहां तक कि‍ सरकारी राशन की दुकानों पर भी बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 15 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक चले अभियान के दौरान 10 लाख से अधिक कार्ड बनाए गए लेकिन अब भी राज्य में इस योजना से आच्छादित 63 प्रतिशत परिवारों का गोल्ड कार्ड बनना शेष है।

इस अभियान का मकसद गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार को तेज करना और इसके फायदों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना की समीक्षा की थी और कहा था कि राज्य में अभी भी एक करोड़ 26 लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया जाना बाकी है। अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 20 लाख लाभार्थियों को यह कार्ड दिए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार के बजट में 13 सौ करोड़ रुपए आयुष्मान भारत योजना के लिए और 142 करोड़ रुपए आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए स्वीकृत किए गए हैं।

प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये निशुल्क उपचार की सुविधा

गौरतलब है कि इस योजना के तहत हर परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये निशुल्क उपचार की सुविधा मिलती है। इसका उद्देश्य देश में 10.74 करोड़ से ज्यादा गरीबों, सबसे कमजोर परिवारों वित्तीय जोखिम सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही यह भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की दिशा मे उठाया गया एक कदम है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.66 करोड़ लाभान्वित

वहीं देश में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में हुई प्रगति के बारे में बताते हुए हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.66 करोड़ गरीब लोगों ने विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज कराया। बीमारियों की रोकथाम और लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए देश भर में डेढ़ लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 65,000 ऐसे केंद्र स्थापित हो चुके हैं।