सहज चिकित्सा संवाद अभियान की पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने की शुरुआत, बोले- सबको उपलब्ध हो सहज, सुलभ व किफायती इलाज

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। सहज चिकित्सा संवाद अभियान की रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ. संजय पासवान ने ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से शुरुआत की। सहज चिकित्सा संवाद अभियान, संदर्भ-पोलीपैथी विषय पर आज ऑनलाइन बेविनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान ने सहज चिकित्सा संवाद अभियान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सबसे पहले पटना के इंदिरा गांधी ह्दय रोग संस्थान के संस्थापक डॉ. श्रीनिवास को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अपूर्ति की।

बेविनार में जुड़े अतिथि।

उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवास एक एलोपैथिक चिकित्सक होते हुए भी चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों को साथ लेते हुए पोलीपैथी की शुरुआत की। आज केंद्र सरकार जिसे मिक्सोपैथी का नाम दे रही पोलीपैथी उसी से मिलता है।

डॉ. संजय पासवान ने कहा कि आज कोरोना काल में लोगों को कैसे सहज व सुलभ व किफायती चिकित्सा उपलब्ध हो इसपर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवास की बातों को ही बाबा रामदेव आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार ने जो मिक्सोपैथी की बात की है यह उन्हीं चिजों को आगे बढ़ा रही है। डाॅ. पासवान ने कहा कि भारत को चीन से सिखना चाहिए कि कैसे वहां कि चिकित्सा पद्धति है उसे पढ़ने के लिए छात्रों को जरूरी कर दिया है। भारत में भी देश चिकित्सा पद्धति को बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए।

डॉ. संजय पासवान ने कहा कि हर माह सहज चिकित्सा संवाद अभियान के माध्यम से कार्यक्रम का ऑनलाइन व ऑफलाइन आयोजन किया जाएगा। विमर्श किया जाएगा कि देश में लोगों को कैसे सहज रूप में कम खर्च पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए।

वेबिनार में अपने विचार रखते हुए राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पटना के प्राचार्य वैद्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखकर आयुर्वेद के माध्यम कोविड मरीजों के इलाज के लिए बेड की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है। आज कोरोना काल में देश की पुरानी पद्धति लोगों के काम आ रही है। इसपर विवाद नहीं कर एकसाथ मिलकर कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज में लगने की आवश्यकता है।

यूपी के मेरठ के वरिष्ठ हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय जैन ने वेबिनार में कहा कि सरकार को एलोपैथी व आयुर्वेद को एक साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए। सभी बीमारियों का इलाज एलोपैथी में नहीं है। तत्काल राहत के लिए हीं लोगों को एलोपैथिक दवा लेना चाहिए। बीमारियों के बेहतर इलाज आयुर्वेद व देशी चिकित्सा पद्धति से हो सकता है।

वेबिनार में अपनी बता रखते हुए द होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बिहार राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. यतीन्द्र नाथ सिन्हा ने कोरोना काल में होम्योपैथ के महत्व पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवा कोरोना संक्रमण को बहुत हद तक रोक सकती है। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सहज चिकित्सा संवाद अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की।

केरल के कोट्‌टक्कल यूनानी अस्पताल के निदेशक डॉ ओके अब्दुल अज़ीज़ी ने वेबिनार में यूनानी पद्धति के माध्यम से लोगों के इलाज के बारे में विस्तार से बात की।
तमिलनाडु के सरकारी सिद्ध चिकित्सा कॉलेज, तिरुनेलवेली में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस सुंदर राजन सिद्धा पैथी के बारे में बताया। कोरोना काल में सिद्धा पैथी से लोगों का कैसे इलाज किया जा रहा है इसपर उन्होंने एक प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से कोरोना को लेकर सिद्धापैथी से इलाज के बारे में जानकारी दी।

सूर्या फाउंडेशन के उपाध्यक्ष मुकेश त्रिपाठी ने योग के माध्यम से लोगों के स्वस्थ्य रहने के बारे में विस्तार से बातचीत की। विपस्सना के माध्यम से लोग कैसे स्वस्थ्य रह सकते हैं इसके बारे बताया व लोगों से विपस्सना करने का आग्रह किया।

नोएडा से जुड़े सहज योग के राहुल मोहन गुप्ता ने वेबिनार में लोगों को सहज योग के बारे विस्तार से बताया।
सहज चिकित्सा संवाद अभियान के संयोजक इरफान अहमद फातमी ने अतिथियों को कार्यक्रम में जुड़ने व विचार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या सागर ने किया।