बॉर्डर पर बड़ी संख्या में जुट रहे किसान, अलर्ट पर दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली / विद्या भूषण शर्मा ( लाइव इंडिया न्यूज़ 18 ) किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत खत्म हो गई है. आज की बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है. जानकारी के मुताबिक सरकार कृषि कानूनों (Farm act 2020) में संशोधन के लिए राजी हो गई है लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इस बीच बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) जुट रहे हैं. सरकार ने दिल्ली पुलिस को बॉर्डर पर अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं. किसान पिछले 10 दिनों से लगातार आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच ये 5वें दौर की बैठक है.

गाजीपुर बॉर्डर पर जुटे किसान
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में डटे किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. लासपुर, उत्तराखंड से आए किसान गाजीपुर बॉर्डर (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पहुंचकर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले किसान योगेंद्र सिंह, जो पिछले आठ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा ओवान कल छह दिसंबर को शादी करने वाला है और मैं यहां हूं और मैं शादी समारोह में भाग लेने के लिए घर नहीं जाऊंगा, क्योंकि यह विरोध हमारे भविष्य के लिए है.’

मांग मनवाने पर अड़े किसान
कृषि कानूनों  के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की वजह से एनसीआर क्षेत्र करे कई रास्ते बंद हैं. दिल्ली-नोएडा लिंक रोड भी ट्रैफिक के लिए बंद है. सूत्रों के मुताबिक सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुई बैठक में MSP और मंडी पर बात बन गई है.  लेकिन किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर ही अड़े हुए हैं.

टकराव की स्थिति!
सरकार और किसानों के बीच पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं. किसान नेता सरकार से मांगों पर फैसला लेने के लिए कह रहे हैं. किसानों ने बैठक छोड़ने की भी बात कही. किसानों ने बैठक में नए कृषि कानूनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, कनाडा कि संसद चर्चा कर रही है, लेकिन हमारी हमारी सरकार सुनने को राजी नहीं है.

नहीं खाया सरकार का ‘नमक’
इस बार भी किसानों ने विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान सरकार का ‘नमक’ नहीं खाया. किसानों ने लंगर से खाना मंगवाया और नीचे फर्श पर बैठकर खाया. किसानों के लिए बाहर से ही लंच और चाय आई.  किसानों के लिए खाना बंगला साहब गुरुद्वारे से पहुंचा.

सिंगर दिलजीत दोसांझ की‘एंट्री’
किसानों और सरकार के बीच बातचीत के दौरान ही पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ किसान आंदोलन में पहुंच चुके हैं. दिलजीत ने यहां किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुद्दों को न भटकाया जाए. उन्होंने कहा, हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि सरकार से गुजारिश है कि हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले. यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है.’