औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार के सभी 38 जिलों में कल यानी शुक्रवार से आरंभ हो रहे फाइलेरिया मुक्ति अभियान की पूर्व संध्या पर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां सिविल सर्जन कार्यालय सभाकक्ष में एक मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. महेंद्र प्रताप ने फाइलेरिया होने के कारण और निदान की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि स्वास्थ्य विभाग के पिछले वर्ष के सर्वे में औरंगाबाद जिले में हाथीपांव के 712 और हाइड्रोसिल फाइलेरिया के 427 मामले पाये गये थे। आगे होनेवाले सर्वे में भी ऐसे मामले मिल सकते है। इस कारण अवाम में फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी है। जागरूकता और बचाव दोनो ही उदेश्यों को लेकर फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान में औरंगाबाद जिले की कुल 33 लाख 75 हजार 247 आबादी को एमडीए दवा को खिलाने का लक्ष्य है। देश से 2030 तक फाइलेरिया को हर हाल में मिटा देने का भी लक्ष्य है। लक्ष्य के 80 प्रतिशत को हर वर्ष तय समय तक यह दवा खिला देने पर कम्यूनिटी में हर्ड इम्यूनिटी आ जाएंगी और फाइलेरिया का उन्मूलन हो जाएगा। अभियान में पूरे जिले में 414 टीम लगाई गई है, जो घर-घर जाकर लोगो को अपने समक्ष निर्धारित तरीके से एमडीए की दवा खिलाएंगी। दवा खाने से छूटे हुए लोगो के लिए मॉप अप राउंड भी चलाया जाएंगा। अभियान में जन सहयोग अपेक्षित है।